देश के सबसे बड़े माघ मेले तैयारियां शुरू, बाढ़ ने बढ़ाई चिंता...अव्यवस्थाओं से निपटना बनी सबसे बड़ी चुनौती

punjabkesari.in Wednesday, Nov 16, 2022 - 02:32 PM (IST)

प्रयागराज: संगम की रेती पर लगने वाले दुनिया के सबसे बड़े अध्यात्मिक माघ मेले की तैयारी अब मेला प्राधिकरण के लिए चुनौती बन चुकी है। माघ मेला 2023 की शुरुआत 6 जनवरी को पॉश पूर्णिमा के स्नान पर्व के साथ हो रही है। ऐसे में इस बार संगम क्षेत्र से अव्यवस्थाओं की तस्वीर सामने आ रही है। अक्टूबर के महीने में दोबारा आई बाढ़ की वजह से अधिकतर मेला क्षेत्र की जमीन दलदली है और बीते कई दिनों से जमीन समतलीकरण का काम चल रहा है। बता दें कि हर साल नवंबर की शुरुआत में ही माघ मेले की तैयारियां तेजी से शुरू हो जाती थी, लेकिन अब की बार आधा नवंबर का महीना बीत जाने के बाद भी मेले की तैयारियों का काम काफी पीछे है।

मेला प्राधिकरण से जुड़े लोगों की माने तो उनका कहना है कि अबकी बार तय समय पर कार्य पूरा होना सबसे बड़ी चुनौती है। इस गंभीर समस्या को देखते हुए आला अधिकारी हर दिन कार्य को और तेजी लाने के लिए दिशा निर्देश दे रहे हैं मेला प्राधिकरण के फील्ड अफसर पुनीत श्रीवास्तव कहना है कि इस समय भी संगम क्षेत्र में दोनों नदियों का जलस्तर बढ़ा हुआ है जो की चिंता का विषय है हालांकि इस साल दोबारा आई बाढ़ की वजह से तैयारियां देर से शुरू हुई लेकिन सभी भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं कि मेला शुरू होने से पहले कार्य पूरे हो जाएं उधर मेला क्षेत्र आ रहे लोगों का कहना है कि पिछली बार के मुकाबले इस बार कार्य धीमी रफ्तार से चल रहा है जिला प्रशासन को मेले के कार्य को गंभीरता से लेना होगा, क्योंकि मेला शुरू होने की उल्टी गिनती शुरू हो गई है।

वहीँ मेला प्राधिकरण के फील्ड अफसर पुनीत श्रीवास्तव का कहना है कि जैसे ही जमीन लेवलिंग का कार्य पूरा होगा, वैसे ही कार्यों में और तेजी आ जाएगी दलदली जमीन होने की वजह से ना तो बिजली की जंपर खड़े किए जा सकते हैं और ना ही चकट प्लेट  बिछाई जा सकती है। लगातार मजदूरों को लगा कर के जमीन लेवलग का काम किया जा रहा है। बता दें पिछले साल की तरह इस बार भी माघ मेले को  6 सेक्टरों में बसाया जाएगा। साथ ही गंगा नदी पर पांच पांटून पुल बनाए जाएंगे। 


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Content Writer

Tamanna Bhardwaj

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