जज्बे को सलाम: दोनों पैर और एक हाथ गंवाने वाली प्रिया प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण, बोली-अधिकारी बनकर शोहदों को सिखाना चाहती हूं सबक
punjabkesari.in Sunday, Apr 21, 2024 - 06:16 PM (IST)
बरेली: मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है,यह पंक्तियां सीबीगंज की प्रिया पर सटीक बैठती हैं। प्रिया ने शारीरिक-मानसिक संघर्ष के बीच अपनी जीजीविषा से सभी को चकित कर दिया है। हादसे में दो पैर और एक हाथ गंवाने वाली प्रिया ने 12वीं की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की है। बेटी की सफलता से परिजन बेहद खुश हैं। प्रिया ने छेड़छाड़ का विरोध किया था। इसपर शोहदे ने चलती ट्रेन के सामने उन्हें धक्का दिया था। जिसकी वजह से उसके दोनों पैर व एक हाथ कट गए। जिंदगी मौत से जूझ रही पीड़िता ने साबित कर दिया है कि वह किसी से कम नहीं हैं।
छेड़खानी के विरोध पर शोहदे ने ट्रेन के आगे फेंक दिया था
सीबीगंज क्षेत्र में रहने वाली प्रिया के साथ 10 अक्टूबर 2023 को यह घटना हुई थी। प्रिया का लंबे समय तक इलाज चला। हादसे के बाद प्रिया पूरी तरह से टूट गई थीं। ठीक होने के बाद उन्होंने रोजाना आठ घंटे तक पढ़ाई की। इसमें परिजनों ने उनकी मदद की। प्रिया ने 12 वीं 63.6 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं। प्रिया का कहना है कि इन परिस्थितियों को झेलने के बाद परीक्षा पास करना किसी चुनौती से कम नहीं था।
पिता बोले-गाजियाबाद में लगेंगे कृत्रिम हाथ-पैर
पिता राकेश कश्यप ने बताया कि बेटी को दो पैर और एक कृत्रिम हाथ लगवाने के लिए वह गाजियाबाद के एक डाक्टर के संपर्क में हैं। कृत्रिम हाथ और पैर के लिए नाप दिया जा चुका है। इसमें दिल्ली के राजीव चोपड़ा और शहर के एक अधिवक्ता ने आर्थिक रूप से मदद कर रहे हैं। बेटी के पास होने पर पूरा परिवार खुश है।
अधिकारी बनकर शोहदों को सिखाना चाहती हैं सबकः
प्रिया ने बताया कि जिस तरह से छेड़छाड़ का विरोध करने पर एक शोहदे ने चलती ट्रेन के सामने धक्का देकर उनका जीवन चार माह के लिए नर्क बना दिया। पुलिस-प्रशासन की मदद से और परिजनों के हौसलों से वह ठीक होकर अस्पताल से बाहर आईं। वह अब स्नातक की परीक्षा पास कर सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करेंगी। जिससे वह अधिकारी बन कर इस तरह के शोहदों को सबक सिखा सकें।