दुष्कर्म के मामले में दोषी को आजीवन कारावास, दलित युवती को मिला 25 साल बाद न्याय
punjabkesari.in Friday, Dec 05, 2025 - 07:59 PM (IST)
कौशांबी: जिले की एक विशेष अदालत ने दलित युवती से दुष्कर्म के करीब 25 वर्ष पुराने मामले में एक व्यक्ति को दोषी करार देते हुए शुक्रवार को उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई और 10 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया। एक शासकीय अधिवक्ता ने यह जानकारी दी।
अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (एडीजीसी) रमेश चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि विशेष न्यायाधीश (अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अधिनियम) अमित कुमार मालवीय ने इस मामले में शफीक अहमद को दोषी ठहराया। त्रिपाठी के अनुसार, घटना 14 जनवरी 2000 की है। सैनी थाना क्षेत्र के एक व्यक्ति ने तहरीर में आरोप लगाया था कि सिराथू नगर पंचायत के वार्ड नंबर-दो के निवासी शफीक अहमद ने उनकी बेटी से दुष्कर्म किया है।
तहरीर के आधार पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम (एससी-एसटी एक्ट) के तहत मामला दर्ज कर विवेचना शुरू की। जांच पूरी होने पर पुलिस ने आरोपपत्र अदालत में दाखिल किया। एडीजीसी ने बताया कि शुक्रवार को मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने शफीक अहमद को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास तथा 10,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई।

