लोकसभा चुनाव में हारी हुई सीटों की समीक्षा जारी, स्पेशल 40 की रिपोर्ट आने के बाद BJP करेगी बड़ी सर्जरी की तैयारी

punjabkesari.in Thursday, Jun 20, 2024 - 03:26 PM (IST)

UP News: लोकसभा चुनाव 2024 में यूपी में बीजेपी के खराब प्रदर्शन की समीक्षा लगातार जारी है। बीजेपी ने हारी हुई सीटों की समीक्षा करने के लिए ‘स्पेशल 40’ टीम बनाई थी। बीजेपी ने इस टीम को जमीन पर उतारा था और यह टीम हर लोकसभा क्षेत्र में जाकर ब्लाक स्तर से लेकर विधायकों, पूर्व विधायकों के साथ जिला संगठन से बात करके हार के कारण पता लगा रही है। स्पेशल 40 टीम 24 जून तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। जिसके बाद बीजेपी वेस्ट UP से पूर्वांचल तक बड़ी 'सर्जरी' की तैयारी में है।

कई नेताओं के पत्र और वीडियो भी हो रहे वायरल
बता दें कि बीजेपी की ‘स्पेशल 40’ टीम की अगुवाई भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और संगठन महामंत्री धर्मपाल कर रहे है। प्रदेश अध्यक्ष और संगठन महामंत्री खुद हारी हुई सीटों पर जाकर हार के कारणों का पता लगा रहे है। बीजेपी की हार का राज टीम के 26 सवालों में छिपा है। यह टीमें 26 बिंदुओं पर अपनी रिपोर्ट तैयार कर रही है। इतना ही नहीं कई नेताओं के पत्र और वीडियो भी वायरल हो रहे है। पश्चिम यूपी में संगीत सोम और संजीव बालियान के बीच का शीत युद्ध भी खुलकर सामने आया तो, बुंदेलखंड से लेकर पूर्वांचल के कई सीटों पर प्रत्याशियों ने हार की वजह भितरघात को बताया। अब पार्टी टीम की रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।

रिपोर्ट आने के बाद होगी कार्रवाई
हार के बाद बीजेपी प्रत्याशियों के बीच हार का ठीकरा फोड़ने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। कई नेताओं के वीडियो और पत्र भी वायरल हुए। स्पेशल 40 टीम को यूपी की सभी 80 सीटों पर भेजा गया है। यहां पर टीम नेताओं और विधायकों, पूर्व विधायकों के साथ जिला संगठन से बात कर हार की वजह जान रही है। टीम अपनी रिपोर्ट 24 जून को सौंप देगी। जिसके बाद बीजेपी वेस्ट UP से पूर्वांचल तक बड़ी 'सर्जरी' की तैयारी में है। साथ ही पार्टी हार के जिम्मेदारों पर कार्रवाई करेगी।

इन सवालों पर रिपोर्ट तैयार कर रही BJP की स्पेशल 40 टीम
.बीजेपी इन सवालों पर तैयार कर रही रिपोर्ट
.ज़मीन पर पार्टी कार्यकर्ता कितने सक्रिय थे?
.क्या सरकार के फैसलों का जनता पर असर था? राज्य सरकार के अफसरों के कामकाज से जनता में कितनी संतुष्टि रही?
.रणनीति की विफलताएँ क्या थीं?
.उम्मीदवार जनता से कितने जुड़े हुए थे और उन्होंने कितने गांवों में प्रचार किया?
.पार्टी नेताओं का अपनी जाति और समुदाय के लोगों के बीच क्या आना-जाना था?
.2022 के विधानसभा चुनाव की तुलना में विभिन्न समुदायों के मतदाता पार्टी से दूर क्यों हो गए?
.महिला मतदाताओं की स्थिति?
.घर-घर संपर्क कैसे किया गया और उसके परिणाम?
.18 से 20 वर्ष आयु वर्ग का फ्लोटिंग वोट भाजपा से क्यों खिसक गया?
.मतदाताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं में उम्मीदवारों के प्रति उदासीनता?
.प्रशासनिक कर्मचारियों की ओर से कमियाँ, उदाहरण के लिए – बूथ स्तर के अधिकारी?
.चुनाव के दौरान जिला से लेकर बूथ स्तर तक समन्वय किसका था?
.प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में समग्र व्यवस्था में क्या गलत और क्या अच्छा था?
.भविष्य में बेहतर प्रदर्शन के लिए पार्टी से सुझाव एवं अपेक्षाएं?
.हिंदू मतदाता जातिगत आधार पर क्यों बंट गए?
.प्रचार सामग्री का उपयोग कितने प्रभावी ढंग से किया गया?
.वाहन आदि कौन से संसाधन उपलब्ध थे?
.संगठन और प्रत्याशियों के बीच तालमेल और टीम वर्क कैसा रहा?
.नेताओं की यात्राओं का विभिन्न समुदायों पर, यदि कोई हो, क्या प्रभाव पड़ा?
.बूथ प्रबंधन कैसा था?
.विधानसभा क्षेत्रों में वोट शेयर में क्या गिरावट आई और विपक्ष को कैसे फायदा हुआ?
.विपक्षी दलों ने बीजेपी के खिलाफ क्या कहानी गढ़ी?
.ज़मीन पर विपक्षी उम्मीदवारों का आंदोलन क्या था और उन्होंने अपने अभियान में किन संसाधनों (जैसे धन) का उपयोग किया?
.संविधान और आरक्षण के मुद्दों का अभियान पर क्या प्रभाव पड़ा?


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Content Editor

Pooja Gill

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