Kanpur Development Authority: बिल्डिंग निर्माण में नियमों की हो रही अनदेखी, कानपुर विकास प्राधिकरण ने साधा मौन

punjabkesari.in Saturday, Jun 21, 2025 - 06:07 PM (IST)

कानपुर [प्रांजुल मिश्रा]: कानपुर विकास प्राधिकरण (KDA) में कुछ अफसर सब कुछ जानकर भी अंजान बने बैठे हैं। दरअसल, कानपुर के जोन 3 बर्रा के हरदेव नगर जहां मनोज पाल जो BL स्मारक इंटर कॉलेज चलाते हैं।  वह स्कूल की तीन मंजिला इमारत बनवा रहे थे। आरोप है कि बिना नक्शा पास कराए, बिना पिलर, पतली सरिया से निर्माण करवा रहे थे। ऐसा लोगों का आरोप है कि अधिकारियों की “मौन से बिना मानकों का निर्माण हो रहा है जो किसी तरह तरह "स्मारक" के लायक नहीं थी।

निर्माणाधीन बिल्डिंग का तीसरी मंजिल करने से हुआ था हादसा
आप को बता दें कि बीते सोमवार की रात, तीसरी मंज़िल की ढलाई के दौरान, दूसरी मंज़िल के कॉलम दरक गए, शटरिंग टूटी, बल्लियाँ हटीं और तीसरी मंज़िल का हिस्सा भरभराकर गिर गया उस दौरान 13 मजदूर काम कर रहे थे। गलीमत रहीं की मजदूरों ने किसी तरह से भाग कर जान बचाई। लेकिन कानपुर विकास प्राधिकरण यानी KDA के उन जिम्मेदारों पर कोई भी कार्रवाई नहीं की उन्होंने मानकों की परवाह है, ना मजदूरों के जान की को जोखिम में डाला। हादसे के बाद पहुंचे ADM सिटी राजेश कुमार, मुख्य अग्निशमन अधिकारी दीपक शर्मा...उन्होंने जांच का भरोसा दिलाया... लेकिन जिन KDA अफसरों की आंख के नीचे यह सब हुआ।

जेई रामदास और सुपरवाइजर राजेन्द्र कुमार पर मिली भगत का आरोप
वहीं आरोप है कि क्षेत्रीय जेई रामदास और सुपरवाइजर राजेन्द्र कुमार की मिली भगत से ही बिल्डिंग बिना पिलर के बनाई जा रही है।सत्रों की मानें तो निर्माण की मंजूरी तो दूर, मानक से कोई वास्ता ही नहीं रखा गया था। अब सवाल उठता है कि कानपुर में विकास नहीं, ‘विकास का दिखावा’ हो रहा है, जहाँ KDA खुद ‘विकास के विध्वंसक’ बन चुके हैं। अगर अब भी जिम्मेदारों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो समझ लीजिए – केडीए अब सिर्फ "कमाई वाला प्राधिकरण" बन चुका है, ना कि "कानपुर के सपनों को साकार करने वाला विभाग"। जनता की जान जाए भाड़ में, लेकिन जेई साहब की कमाई वाली सीट बची रहनी चाहिए! क्योंकि यहाँ अफसरों की नज़र में "पब्लिक की जान से ज्यादा कीमती होती है।

प्रकरण पर कार्रवाई के संबंध में जवाब देने से बच रहे हैं जिम्मेदार
हालांकि इस प्रकरण पर कार्रवाई के संबंध में बात करने के लिए जोन 3 के प्रवर्तन प्रभारी (OSD) अजय कुमार से जब पंजाब केसरी संवाददाता ने बात करने का प्रयास किया तो उन्होंने फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा शायद उनके पास किसी तरह का कोई जवाब नहीं होगा या फिर शायद जवाब देने से बच रहे हो। फिलहाल बिल्डिंग निर्माण में नियमों की हो रही अनदेखी पर तो सवाल उठेगा ही। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Ramkesh

Related News

static