कानपुर में पुलिस की प्रताड़ना से तंग युवक ने दी जान, Police ने रिहाई के लिए मांगे 20 हजार, न देने पर खूब पीटा....आहत होकर कर ली आत्महत्या
punjabkesari.in Tuesday, Jun 10, 2025 - 05:25 PM (IST)

कानपुर : उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले से पुलिस की संवेदनहीनता का शर्मनाक मामला सामने आया है। जिले के सजेती में पुलिस ने एक युवक को इतना प्रताड़ित किया कि उसने घर में फांसी लगाकर जान दे दी। पति-पत्नी के बीच झगड़े की शिकायत पर चौकी इंचार्ज और सिपाही ने युवक को पहले जमकर पीटा। फिर छोड़ने के एवज में 20 हजार रुपये की मांग कर दी। युवक ने गेंहू बेचकर पांच हजार रुपये तो चुकाए, लेकिन बाकी की व्यवस्था नहीं कर सका। जिसे लेकर पुलिस ने उसपर इतना दबाव बनाया कि युवक ने खुद की जान देने का फैसला कर लिया।
तफ्सील से जानें पूरा मामला
सजेती थाना क्षेत्र के कोटरा गांव के रहने वाले 42 वर्षीय जीत कुमार उर्फ जीतू निषाद पत्नी सुमन और तीन बेटियों के साथ रहता थे। सूरत में नौकरी करने वाले जीत कुछ दिनों से गांव में ही थे। मिली जानकारी के मुताबिक, बीती चार जून को जीत और सुमन में झगड़ा हुआ था। इसके बाद सुमन ने गांव में ही बने पुलिस सहायता केंद्र में शिकायत की।
पैसों की मांग पूरी न होने पर की मारपीट
जीत की पत्नी की शिकायत के बाद पुलिस सहायता केंद्र में तैनात दो दारोगाओं ने जीत को पकड़कर 20 हजार रुपये की मांग कर दी। मांग पूरी न होने पर उन्होंने जीत के साथ जमकर मारपीट की। जीत ने किसी तरह गेहूं बेंचकर पांच हजार रुपये दिए थे। वहीं बचे हुए 15 हजार के लिए दोनों दारोगाओं ने इतना दबाव बनाया कि इंतजाम न होने पर जीत ने सोमवार शाम को फांसी लगाकर जान दे दी। शाम को अन्य घरवालों को उसका शव कमरे में फंदे पर लटका मिला। जिसे देख लोग दीवार तोड़कर अंदर घुसे, लेकिन तबतक उसकी मौत हो गई थी।
विधायक ने आरोपित पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करने को डीसीपी से कहा
घटना की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची तो ग्रामीण आक्रोशित हो उठे और पुलिस विभाग के उच्चाधिकारियों को बुलाने की मांग करने लगे। फोरेंसिक टीम ने मौके से साक्ष्य जुटाए। जीत ने सोमवार शाम करीब 6 बजे फांसी लगाई थी, लेकिन रात 11 बजे तक पुलिस विभाग का कोई उच्चाधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। देर रात विधायक सरोज कुरील मौके पर पहुंची। उन्होंने डीसीपी से जांच कर आरोपित पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करने को कहा है।
विधायक के फोन करने पर पहुंचे डीसीपी, ग्रामीणों ने शव उठाने से किया मना
विधायक के फोन करने पर डीसीपी देर रात गांव के लिए रवाना हुए। इस दौरान तक घटना से गुस्साए स्वजन और ग्रामीणों ने शव उठाने से मना कर दिया और जमकर हंगामा भी किया। जीत के पिता रमेश ने आरोपित दोनों पुलिस कर्मियों पर रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई करने की मांग की है।
जीत के परिजनों ने सुमन के पिता पर पुलिस से मिलीभगत के लगाए आरोप
बता दें कि पति से झगड़े के बाद सुमन पुलिस से शिकायत कर अपने मायके बीरबल अकबरपुर के मजरा गुरैयनपुर चली गई थी। सुमन के पिता रामकिशोर गांव के प्रधान हैं। जीत के परिजनों ने प्रधान पर पुलिस से मिलीभगत कर उसे पिटवाने के आरोप लगाए हैं।
चार लोगों पर दर्ज हुआ मुकदमा, पुलिसकर्मी निलंबित
डीसीपी के आदेश पर एक दारोगा, एक दीवान (हेड कांस्टेबल) सहित चार लोगों — जिसमें मृतक का ससुर और पत्नी भी शामिल हैं — के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। आरोपी पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
ग्रामीणों में आक्रोश, निष्पक्ष जांच की मांग
घटना के बाद पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। ग्रामीणों ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए विरोध प्रदर्शन किया और निष्पक्ष जांच की मांग की। उनका कहना है कि यदि समय रहते कार्रवाई की जाती, तो जीतू की जान बचाई जा सकती थी।