HC के प्रतिबंध पर SC का फैसला, कहा- कानून के मुताबिक हो DJ बजाने की इजाज़त

punjabkesari.in Thursday, Nov 21, 2019 - 12:57 PM (IST)

प्रयागराजः बढ़ते ध्वनि प्रदूषण व रात में शोर-गुल से होने वाली परेशानी को देखते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 20 अगस्त 2017 को शादियों, पार्टियों में डीजे बजाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था। इससे आम लोगों को बड़ी राहत मिली। वहीं प्रदेश के डीजे ऑपरेटर्स को नुकसान झेलना पड़ा था। हालांकि SC ने अब डीजे ऑपरेटर्स को बड़ी राहत दी है। शीर्ष अदालत ने प्रतिबंध हटाते हुए हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। साथ ही अधिकारियों से कहा है कि कानून के मुताबिक डीजे बजाने की इजाजत दें।

बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले जिसमें डीजे की आवाज़ को धरती व मानव जीवन दोनों के लिए नुकसानदायक बताया गया था। इसके बजाने पर पूरी तरह से बैन लगा दिया था। वहीं विरोध में 13 सदस्यों के साथ बुंदेलखंड साउंड एंड डीजे एसोसिएशन की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट दुष्यंत पराशर पेश हुए। एडवोकेट ने जस्टिस यू. यू. ललित व विनीत सरन की बेंच को बताया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के बैन लगाने की वजह से पूरे उत्तर प्रदेश में डीजे संचालक व कर्मचारी बेरोज़गारी की मार सह रहे हैं। जिससे हालात दिन ब दिन खराब होती जा रही है। उन्होंने आगे बताया कि यह वही डीजे ऑपरेटर्स हैं जिनकी कमाई का एक मात्र साधन यही है। डीजे ऑपरेटर्स शादियों, बर्थडे पार्टियों और अन्य समारोहों में डीजे बजाकर अपना घर चलाते थें।

इलाहाबाद हाईकोर्ट के बैन लगाने के बाद इनका कामकाज पूरी तरह से बंद हो गया है। जिससे परिवार का पालन-पोषण भी नहीं कर पा रहे हैं। बैन पर पुनः विचार करना चाहिए। यह संविधान के अनुच्छेद 16 के तहत मिले मौलिक अधिकारों का भी उल्लंघन है।

 


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Ajay kumar

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