Bhadohi: बच्‍ची से दुष्‍कर्म और हत्या के दोषी को दो महीने के अंदर उम्रकैद की सजा, कोर्ट ने लगाया जुर्माना

punjabkesari.in Tuesday, Feb 14, 2023 - 01:02 AM (IST)

भदोही: उत्तर प्रदेश के भदोही जिले की एक अदालत ने 7 वर्ष की बच्‍ची से क्रूरता पूर्वक दुष्‍कर्म करने के बाद उसकी हत्‍या करने के दोषी युवक को घटना के दो माह के भीतर ही कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने दोषी पर 75 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।
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विशेष लोक अभियोजक कुलेश्वर पांडेय (पाक्सो) और विशेष लोक अभियोजक अश्विनी कुमार मिश्रा ने सोमवार को बताया कि अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सो) मधु डोगरा की अदालत ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया। उन्‍होंने बताया कि अदालत ने आरोपी नीम्बू लाल उर्फ़ नेब्बू लाल (35) को दोष सिद्ध करार देते हुए उसे जीवन के अंतिम सांस तक जेल में कैद रखने और 75 हजार रुपये जुर्माना अदा करने का आदेश दिया। आदेश में कहा गया है कि जुर्माने की राशि मृतका के परिवार वालों को बतौर क्षतिपूर्ति भुगतान की जाएगी।
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बेहद क्रूरता से दुष्कर्म और अप्राकृतिक दुष्कर्म
भदोही के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अनिल कुमार ने घटना का ब्यौरा देते हुए बताया कि जिले के एक गांव की वनवासी बस्ती में 15 दिसंबर 2022 की सुबह नग्न अवस्था में सात वर्षीय बच्ची का शव मिला, जिसके साथ बेहद क्रूरता से दुष्कर्म और अप्राकृतिक दुष्कर्म किया गया था। छानबीन में पता चला कि अपने चाचा-चाची के साथ एक शादी में शामिल होने आयी सात वर्षीय बच्‍ची से शराब के नशे में धुत नींबू लाल ने क्रूरतम तरीके से दुष्कर्म और अप्राकृतिक दुष्कर्म किया और फिर उसकी हत्या कर दी। पुलिस ने 12 घंटों के अंदर नीम्बू लाल को ममहर बाजार में संक्षिप्त मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान नीम्बू लाल के दोनों पैर में पुलिस की गोली लगी थी।

आरोपी का मुकदमा कोई वकील लड़ने को नहीं हुआ तैयार
पुलिस ने इस मामले में नीम्‍बूलाल के खिलाफ हत्‍या, दुष्‍कर्म, अप्राकृतिक दुष्‍कर्म और पाक्‍सो अधिनियम समेत अन्‍य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर उसे अदालत में पेश किया, जहां से उसे जेल भेजा गया था। एसपी ने बताया कि पुलिस ने इस मामले में अपनी विवेचना पूरी कर आठ जनवरी, 2023 को आरोपपत्र दाखिल कर दिया। पाक्‍सो अदालत ने मामले में नौ जनवरी से कार्रवाई शुरू करते हुए नौ फरवरी को आरोपी को दोषी ठहराया और सोमवार को अपना फैसला सुनाते हुए सजा और जुर्माने की घोषणा की। विशेष लोक अभियोजक अश्विनी कुमार मिश्रा ने बताया कि आरोपी का मुकदमा कोई वकील लड़ने को तैयार नहीं हुआ, जिस पर अदालत के आदेश पर उसे न्याय मित्र की सुविधा दी गयी थी।


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Content Writer

Mamta Yadav

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