''पाकिस्तान जिंदाबाद'' पोस्ट शेयर करना देशद्रोह नहीं! इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, 5 महीने बाद साजिद को मिली जमानत
punjabkesari.in Sunday, Oct 05, 2025 - 11:41 AM (IST)

Bareilly News: उत्तर प्रदेश में मेरठ जिले के निवासी साजिद चौधरी को 'पाकिस्तान जिंदाबाद' जैसा पोस्ट शेयर करने के आरोप में 13 मई से जेल में रखा गया था। उस पर भारतीय दंड संहिता की धारा 152 (देश की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरा पहुंचाने वाला कृत्य) के तहत मामला दर्ज किया गया था। अब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उन्हें 5 महीने बाद जमानत दे दी है।
कोर्ट का फैसला — क्या कहा गया है?
जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि साजिद का वह काम गलत जरूर है, लेकिन धारा 152 के कड़े प्रावधान हर मामले में लागू नहीं होते। कोर्ट ने अपने आदेश में लिखा कि किसी अन्य देश के समर्थन में पोस्ट करना यदि केवल संदेश फैलाना हो, तो वह जरूरी नहीं कि भारत की संप्रभुता को खतरा हो। वह कार्य धारा 196 (बीएनएस) के दायरे में आ सकता है — जिसमें विभिन्न समूहों (धर्म, जाति, भाषा आदि) के बीच दुश्मनी या अशांति बढ़ाने का प्रावधान है — लेकिन इसे स्वचालित रूप से धारा 152 का अपराध नहीं माना जा सकता। यानि कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि हर पोस्ट जो दूसरे देश के समर्थन में हो, वह 'देशद्रोह' नहीं ठहराया जा सकता।
क्या थे आरोप?
साजिद पर आरोप था कि उसने 'पाकिस्तान की तारीफप करने वाला नारा' पोस्ट किया। उसे देशद्रोह, राष्ट्रीय एकता-विरोधी गतिविधि और दुश्मनी बढ़ाने जैसे आरोप में गिरफ्तार किया गया। विशेष रूप से उसे बीएनएस धारा 152 के तहत मामला दर्ज किया गया और 13 मई से जेल में रखा गया था।
अधिकारियों और वकीलों की दलीलें
साजिद के वकील का पक्ष:-
वकील ने कहा कि अमली तौर पर साजिद ने ना तो पोस्ट लिखा, ना बनाया — वह सिर्फ एक मैसेज को आगे बढ़ा रहा था। उसका उद्देश्य नफरत फैलाना या सार्वजनिक व्यवस्था भंग करना नहीं था। उसके पास कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। जमानत दी जाए क्योंकि सबूतों के साथ छेड़छाड़ का खतरा नहीं है।
सरकारी वकील की दलील:-
सरकारी वकील ने कहा कि साजिद एक अलगाववादी है। उसके खिलाफ ऐसी गतिविधियों का इतिहास मौजूद है, इसलिए अगर वह जेल से बाहर हुआ, तो वह और गतिविधियां कर सकता है।