योगी सरकार का तोहफा- गन्ना किसानों के हितों को समाहित करते गन्ना सट्टा व आपूर्ति नीति की जारी

punjabkesari.in Thursday, Sep 09, 2021 - 03:24 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने गन्ना किसानों के हितों को समाहित करते हुए पेराई सत्र 2021-22 के लिए गन्ने के सट्टे एवं आपूर्ति की नीति जारी कर दी।  राज्य के गन्ना एवं चीनी आयुक्त संजय आर. भूसरेड्डी ने पेराई सत्र 2021-22 के लिए गन्ने के सट्टे एवं आपूर्ति नीति जारी कर दी गई है। उन्होंने आज यहां बताया कि गन्ना आपूर्ति नीति के आधार पर ही प्रदेश के किसानों को गन्ने की पर्चियां के निर्गमन सहित आपूर्ति के लिए विस्तृत निर्देश चीनी मिलों को दिये जाते हैं।

उन्होंने बताया कि गन्ना विकास विभाग द्वारा जारी इस वर्ष की सट्टा एवं आपूर्ति नीति में कृषक हितों के दृष्टिगत कई बदलाव किये गये हैं, जिनमें मुख्य रूप से भूमि क्रय-विक्रय के प्रकरणों में बेसिक कोटा हस्तान्तरण, उत्तम गन्ना कृषकों को उपज बढ़ोत्तरी के लिए नि:शुल्क प्रार्थना-पत्र एवं सट्टाधारक सदस्य कृषक की मृत्यु पेराई सत्र के दौरान होने पर सट्टा चालू रखे जाने सम्बन्धी निर्णय गन्ना कृषकों के हितों में लिये गये हैं।

भूसरेड्डी ने बताया कि इस वर्ष की गन्ना आपूर्ति नीति में प्रति कृषक गन्ना सट्टे की सीमा सीमान्त कृषक (1 हेक्टेयर तक) के लिए अधिकतम 850 कुन्तल, लघु कृषक (दो हेक्टेयर तक) के लिये 1,700 कुन्तल तथा सामान्य कृषक (5 हेक्टेयर तक) के लिये 4,250 कुन्तल एवं उपज बढ़ोत्तरी की दशा में सट्टे की अधिकतम सीमा सीमान्त, लघु एवं सामान्य कृषक के लिए क्रमश: 1350, 2,700 तथा 6,750 कुन्तल निर्धारित की गयी है। उन्होंने बताया कि गन्ना विकास विभाग द्वारा आपूर्तिकर्ता कृषकों की अधिकतम गन्ना आपूर्ति सुनिश्चित कराने के लिए गत दो वर्ष, तीन वर्ष एवं पांच वर्ष की औसत गन्ना आपूर्ति में से अधिकतम औसत गन्ना आपूर्ति को पेराई सत्र 2021-22 के लिए बेसिक कोटा माने जाने के निर्देश दिये गये हैं साथ ही जो कृषक पेराई सत्र 2020-21 में नये सदस्य बने हैं तथा एक वर्ष ही गन्ने की आपूर्ति किये है उनके एक वर्ष की गन्ना आपूर्ति को बेसिक कोटा माना जाएगा। भूमि क्रय-विक्रय के प्रकरणों में बेसिक कोटा भी नियमानुसार हस्तान्तरणीय होगा।


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Content Writer

Ramkesh

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