महंत राजूदास के बयान पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने किया पलटवार, कहा- श्राप देकर भी कर सकते थे भस्म, 21 लाख रुपये बचते
punjabkesari.in Tuesday, Jan 31, 2023 - 10:13 AM (IST)

लखनऊः रामचरितमानस (Ramcharitmanas) पर विवादित टिप्पणी करने वाले समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के खिलाफ हनुमानगढ़ी (Hanumangarhi) के पुजारी राजूदास (Rajudas) ने भी अपना बयान दिया था, कि जो स्वामी प्रसाद का सिर तन से जुदा करेगा उसे 21 लाख का इनाम दिया जाएगा। उनके इस बयान के बाद अब स्वामी प्रसाद मौर्य ने उन पर पलटवार किया है। उन्होंने राजूदास का नाम लिए बिना ही कहा है कि, श्राप देकर भी तो भस्म कर सकते थे। 21 लाख रुपये भी बचता, असली चेहरा भी बेनकाब न होता।
हर असंभव कार्य को संभव करने का नौटंकी करने वाले एक धाम के बाबा की धूम मची है। आप कैसे बाबा है जो सबसे सशक्त पीठ के महंत होने के बावजूद सिर तन से जुदा करने का सुपारी दे रहे हैं, श्राप देकर भी तो भस्म कर सकते थे। 21 लाख ₹ भी बचता, असली चेहरा भी बेनकाब न होता।
— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) January 30, 2023
बता दें कि बीते सोमवार को हनुमानगढ़ी के पुजारी राजूदास भी स्वामी प्रसाद मौर्य के विरोध में आए है। उन्होंने एक वीडियो के जरिए ऐलान किया है, कि स्वामी प्रसाद का सिर कलम करने वाले को 21 लाख का इनाम दिया जाएगा। उनके इस ऐलान के बाद सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने पलटवार करते हुए तंज कसा है। स्वामी प्रसाद ने कहा है कि, हर असंभव कार्य को संभव करने की नौटंकी करने वाले एक धाम के बाबा की धूम मची है। आप कैसे बाबा है जो सबसे सशक्त पीठ के महंत होने के बावजूद सिर तन से जुदा करने की सुपारी दे रहे हैं। श्राप देकर भी तो भस्म कर सकते थे। 21 लाख रुपये भी बचता, असली चेहरा भी बेनकाब न होता। यह उन्होंने सोमवार को एक ट्वीट के जरिए कहा है।
स्वामी प्रसाद मौर्य अधर्मी है- संजय निषाद
इसी विवाद को लेकर मत्स्य मंत्री संजय निषाद (Sanjay Nishad) ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य को अधर्मी बताया है। बीते सोमवार को अपने आवास पर मीडिया से बातचीत में संजय निषाद ने कहा कि, मौर्य ने रामचरितमानस पर ही नहीं, बल्कि राम भक्तों और मछुआरा समुदाय पर टिप्पणी की है। निषाद ने कहा कि वर्ग विशेष को खुश करने के लिए स्वामी टिप्पणी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भगवान राम और केवट निषाद के मिलने से रावण का नाश हुआ। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि स्वामी प्रसाद की बेटी भाजपा से सांसद हैं। यदि उन्हें भाजपा से गुरेज है तो वह अपनी बेटी को भी बोले कि त्यागपत्र दे दें।
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पूर्व डीजीपी ने किया स्वामी प्रसाद मौर्य का समर्थन
रामचरितमानस की चौपाइयों को लेकर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की टिप्पणी मामले में हर कोई अपनी प्रतिक्रिया दे रहा है। इसी बीच पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह का भी बयान सामने आया है। उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य का समर्थन करते हुए फेसबुक पर लिखा है, कि स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर अभिजात्य वर्ग की प्रतिक्रिया ठीक नहीं है। मौर्य ने रामचरितमानस का अपमान नहीं किया है। मात्र कुश अंशों पर आपत्ति जताई है। उन्हें इसका अधिकार है।