अब खत्म होगी महिला खतना की प्रथा! मुस्लिम बच्चियों की सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट दे सकता है बड़ा फैसला
punjabkesari.in Saturday, Nov 29, 2025 - 12:50 PM (IST)
यूपी डेस्क: सुप्रीम कोर्ट ने कुछ मुस्लिम समुदायों, विशेषकर दाऊदी बोहरा समाज में प्रचलित महिला खतना (Female Genital Mutilation–FGM) की प्रथा पर प्रतिबंध लगाने से संबंधित याचिका पर सुनवाई करने का निर्णय लिया है। अदालत ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार और कानून एवं न्याय मंत्रालय को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। यह याचिका एनजीओ चेतना वेलफेयर सोसायटी द्वारा दायर की गई थी।
जस्टिस बी.वी. नागरत्ना और जस्टिस आर. महादेवन की पीठ ने कहा कि मामला नाबालिग बच्चियों के संवैधानिक अधिकारों से जुड़ा है, इसलिए अदालत इसे अत्यंत गंभीरता से देख रही है। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता शशि किरण और अधिवक्ता साधना संधू ने दलील दी कि महिला खतना इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं है और न ही धार्मिक ग्रंथों में इसका स्पष्ट उल्लेख मिलता है। इसके बावजूद, समुदाय में बच्चियों पर जबरन यह प्रक्रिया लागू की जाती है, जिससे वे गंभीर शारीरिक और मानसिक पीड़ा झेलती हैं।
याचिका में यह भी रेखांकित किया गया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), संयुक्त राष्ट्र की विभिन्न एजेंसियाँ और कई अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन लंबे समय से महिला खतना को रोकने और अपराध घोषित करने की मांग कर रहे हैं। चिकित्सा शोध भी बताते हैं कि FGM से पीड़ित महिलाओं और बच्चियों को अल्पकालिक ही नहीं, बल्कि दीर्घकालिक शारीरिक एवं मनोवैज्ञानिक दुष्प्रभावों का सामना करना पड़ता है।

