जिन बेटों को राम-लक्ष्मण समझती थी, उन्होंने घर से निकाला... वृद्धाश्रम रहने को मजबूर करोड़ों की मालकिन
punjabkesari.in Thursday, Apr 06, 2023 - 05:33 PM (IST)
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आगरा: कहते हैं कि मां धरती पर भगवान का दूसरा रूप है। जो मुसिबत आने पर खुद को खतरे में डालकर अपने बच्चों को महफूज रखती है। वहीं ममतमयी मां पर बुढ़ापे में बच्चे जुल्म करे तो ये बात समाज के लिए असहनीय हो जाती है। ऐसा ही एक मामला आगरा में देखने को मिला है। जहां करोड़ों-अरबों की मालकिन रही 4 बेटों की 87 वर्षिय मां, आज वृद्धा आश्रम में रहने के लिए मजबूर हैं। पूरा परिवार होते हुए भी वह महिला आज अपनी जिंदगी के दिन वृद्धा आश्रम में काट रही हैं। इस वृद्ध मां की दुखभरी कहानी सुनकर किसी का भी दिल पसीज जाए।
क्या है मामला?
पूरा मामला आगरा की पॉश कालोनी कमला नगर का है। यहां एक लाचार बुजुर्ग मां अपने चार-चार कारोबारी बेटों के होने के बाद भी वृद्धाश्रम में अपना जीवन बसर करने को मजबूर है। यहां चार कलयुगी बेटों ने जमीन जायदाद के लालच में न सिर्फ अपनी मां को मारा पीटा बल्कि उन्हें घर से बाहर निकाल कर वृद्धाश्रम की दहलीज तक पहुंचा दिया। चारों बेटे आर्थिक रूप से बेहद संपन्न हैं। उनका लोहे का कारखाना है। मगर, करोड़पति चार बेटों की मां इन दिनों वृद्धाश्रम में अपना जीवन व्यतीत कर रही हैं। विद्या देवी अपने बेटों से इस कदर आहत है कि उन्होंने यहां तक कह दिया कि अगर वो मर भी जाएं तो इसकी खबर उनके बेटों को न दी जाए।
इन्हें यमुना नदी में फेंक देना चाहिए...
महिला के मुताबिक, आज से 13 साल पहले उनके पति गोपी चंद्र अग्रवाल की मौत हो गई। पति की मौत के बाद विद्या देवी ने अपने चारों बेटों की एक-एक करके शादी की। मगर तब घर में ऐसा खेल शुरू हुआ, जिसने सब बदल दिया। समय के साथ बेटों ने एक-एक कर संपत्ति का बंटवारा करना शुरू कर दिया। सभी बेटों ने मां पर दवाब बनाकर संपत्ति अपने-अपने नाम कर ली और बंटवारा हो गया। इसके बाद मां अपने सबसे बड़े बेटे के साथ रहने चली गईं। मगर फिर हालात बिगड़ने शुरू हो गए। विद्या देवी के मुताबिक, बड़े बेटे की बहू ने ताने मारने शुरू कर दिए। इसके बाद वह दूसरे बेटे के पास रहने चली गईं। मगर तानों का यह सिलसिला वहां भी नहीं खत्म हुआ। इसके बाद वह अपने तीसरे और चौथे नंबर के बेटों के पास रहने चली गईं। इस बीच एक बूह ने उन्हें ताने दिए कि उनके शरीर से बदबू आती है। तो दूसरी बहू ने कहा कि इन्हें यमुना नदी में फेंक देना चाहिए।
विद्या देवी ने बताया कि कुछ दिन पूर्व बेटों और उनकी पत्नियों ने उन्हें घर से निकाल दिया। जिन बच्चों को उन्होंने इतने प्यार से पाला, अब उन्हीं के बेटों को अपनी मां से बदबू आती है। सब कुछ होने क बाद भी जब चारों बेटों ने सहारा नहीं दिया तो बहन शशि गोयल ने उन्हें आगरा के रामलाल वृद्धाश्रम में पहुंचा दिया। आज ये बूढ़ी मां रोते हुए कहती है कि अब यही मेरा परिवार है। यहां पर रहने वाले युवा मेरे बेटे और बुजुर्ग महिलाएं मेरी बहन है। इस दौरान दिल में दर्द लिए इस बूढ़ी मां के जुबान से बस यही शब्द निकलते हैं कि अगर मैं मर भी जाऊ तो मेरे बेटों को इसकी खबर भी नहीं दी जाए।
क्या कहते हैं आश्रम के संचालक?
इस बारे में आश्रम के संचालक शिव प्रसाद शर्मा का कहना है कि कुछ दिन पूर्व बुजुर्ग महिला की बहन शशि गोयल उन्हें लेकर आई थी। इनके चार बेटों हैं जो आर्थिक रूप से बेहद संपन्न हैं। सभी की फैक्ट्री और कोठियां हैं और उनका एक बेटा तो वैश्य समाज का नेता भी है। उसके बावजूद भी ये मां हमारे यहां पर रह रही है। हमने इनके परिवार वालों से संपर्क भी किया, लेकिन परिवारीजन उल्टे वृद्धाश्रम से कहते रहे कि आप हमें बदनाम कर रहे हैं, लेकिन किसी ने भी मां को अपने साथ ले जाने की बात नहीं की।