UP सरकार का बड़ा फैसला! इन मरीजों को मिलेगा 40 हजार का इंजेक्शन बिल्कुल मुफ्त… ये होगा तरीका

punjabkesari.in Tuesday, Nov 18, 2025 - 03:45 AM (IST)

Lucknow News: उत्तर प्रदेश सरकार ने हार्ट अटैक के मरीजों के लिए महत्वपूर्ण और जीवनरक्षक कदम उठाते हुए एक नई योजना लागू की है। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने घोषणा की है कि अब राज्य के सरकारी अस्पतालों में हार्ट अटैक के मरीजों को टेनेक्टेप्लाज (Tenecteplase) और स्ट्रेप्टोकाइनेज जैसे महंगे इंजेक्शन पूरी तरह मुफ्त उपलब्ध कराए जाएंगे। यह इंजेक्शन आमतौर पर बाजार में 35,000 रुपये से 45,000 रुपये तक में मिलता है, लेकिन सरकार ने निर्णय लिया है कि आर्थिक स्थिति चाहे जो हो-किसी भी मरीज को इन दवाओं की कमी या कीमत के कारण इलाज में देरी नहीं होने दी जाएगी।

विशेषज्ञों के अनुसार, हार्ट अटैक के दौरान ये थ्रोम्बोलाइटिक इंजेक्शन 30 से 90 मिनट में ब्लड क्लॉट को घोल देते हैं। यदि मरीज को अटैक के शुरुआती 6 घंटे—जिसे ‘गोल्डन ऑवर’ कहा जाता है—के भीतर दवा दे दी जाए, तो 70–80 प्रतिशत तक जान बचाई जा सकती है। ब्रजेश पाठक ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए हैं कि किसी भी जिले में स्टॉक की कमी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि “पैसों की कमी किसी मरीज की जिंदगी के रास्ते में नहीं आनी चाहिए।”

पहले चरण में कहाँ लागू हुई यह सुविधा?
सरकार ने पहले चरण में इस मुफ्त सुविधा को राज्यभर के प्रमुख सरकारी चिकित्सा संस्थानों और अस्पतालों में लागू कर दिया है। इनमें शामिल हैं- सभी 75 जिला अस्पताल,  मेडिकल कॉलेज, ईसीजी सुविधा वाले CHC केंद्र। इसके अलावा, बड़े चिकित्सा संस्थान जैसे KGMU, SGPGI, BHU, सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी, AMU आदि में भी यह व्यवस्था शुरू कर दी गई है। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. रतनपाल सिंह सुमन ने सभी जिलों के CMO को निर्देश जारी किए हैं कि स्टॉक में किसी प्रकार की कमी नहीं होनी चाहिए।

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का बयान
ब्रजेश पाठक ने कहा, “गरीब का इलाज हमारी जिम्मेदारी है। 40 हजार का इंजेक्शन हो या करोड़ों का ऑपरेशन—योगी सरकार मुफ्त में कराएगी। सीने में दर्द होते ही लोग 108 नंबर पर फोन करें या नजदीकी सरकारी अस्पताल जाएं। अब हार्ट अटैक का मतलब मौत नहीं, बल्कि मुफ्त इलाज और नई जिंदगी है।” सरकार जल्द ही 108 एम्बुलेंस में भी यह दवा उपलब्ध कराने की तैयारी कर रही है, ताकि रास्ते में ही मरीज को जीवनरक्षक उपचार मिल सके।




 


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Content Editor

Mamta Yadav

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