प्रयागराज में गंगा और यमुना के जलस्तर में उफान जारी

punjabkesari.in Sunday, Sep 15, 2019 - 02:05 PM (IST)

प्रयागराजः मध्य प्रदेश की केन, बेतवा नदियों और कानपुर एवं नरौरा बैराज से छोड़े गए पानी के कारण प्रयागराज में पतित पावनी गंगा और श्यामल यमुना के जलस्तर में लगातार बढ़ोत्तरी जारी है। सिंचाई विभाग बाढ़ खंड द्वारा जारी आकड़ों के अनुसार शनिवार सुबह 8 बजे जलस्तर क्रमश: फाफामऊ में गंगा 83.07 मीटर, छतनाग 82.32 मीटर और नैनी में यमुना 82.96 मीटर दर्ज किया गया।
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शुक्रवार सुबह 8 बजे फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 82.33 मीटर, छतनाग में 81.58 मीटर और नैनी में यमुना 82.14 मीटर दर्ज किया गया था। पिछले 24 घंटे के दौरान गंगा फाफामऊ और छतनाग में 74 -74 सेंटीमीटर और नैनी में यमुना 82 सेंटीमीटर की रफ्तार से बह रही थी। वर्तमान में गंगा फाफामऊ 2 सेंटीमीटर, छतनाग 4 सेंटीमीटर और यमुना 3 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही है।
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बेतवा नदी माताटीला बांध से शुक्रवार को 8 लाख और केन नदी में बारियारपुर बांध से 4 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिससे यमुना और नरौरा बांध से एक लाख और कानपुर से दो लाख क्यूसेक पानी गंगा में छोड़े जाने दोनों नदिया उफनाई है। गंगा और यमुना खतरे का निशान 84.73 मीटर दर्ज है। गंगा फाफामऊ में खतरे के निशान से 1.66 मीटर, छतनाग में 2.41 और नैनी में यमुना 1.77 मीटर नीचे बह रही है।
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दारागंज, कीडगंज, गऊघाट, छतनाग आदि घाट से मलल्लाहों की दर्जनों नाव गंगा की भेंट चढ़ गईं। बांध के नीचे तीर्थ पुरोहितो की चौकी भी बह गई। बाढ़ को देखते हुए निजी नावों के संचालन पर रोक लगा दी गई है। नदी में नहाने वालों को सतकर्ता बरतने के साथ एक निर्धारित सीमा से आगे नहीं जाने का निर्देश दिया गया है। किसानों की खड़ी फसल को बाढ़ से भारी नुकसान हुआ है।


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Deepika Rajput

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