''संभल में 68 तीर्थ मिटाने की कोशिश हुई, हमने 54 खोज निकाला'',  CM योगी बोले- जो हमारा है, हमें मिलना चाहिए

punjabkesari.in Wednesday, Mar 05, 2025 - 02:47 AM (IST)

Lucknow News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि समाजवादी चिंतक डॉ राम मनोहर लोहिया के आदर्शो से दूर जा चुकी समाजवादी पार्टी (सपा) ने हर बार भारत की आस्था के साथ खिलवाड़ किया है और यही कारण है कि प्रदेश की जनता 2027 में तीसरी बार भी सपा को करारी हार का मुंह दिखायेगी।

सपा को नहीं है राम-कृष्ण पर विश्वास
विधानसभा में वर्ष 2025-26 के सामान्य बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा “ समाजवादी पार्टी डॉ राम मनोहर लोहिया का नाम तो लेती है, लेकिन वह उनके मूल्यों और आदर्शों से दूर जा चुकी है। आज की समाजवादी पार्टी न डॉ लोहिया के बताए आचरण के अनुरूप कार्य कर रही है और न ही उनके बताए आदर्शों पर चल रही है। डॉक्टर लोहिया ने कहा था कि एक सच्चा समाजवादी वह है जो संपत्ति और संतति से दूर रहे, यह तो आपकी पार्टी के आचरण से देख सकते हैं। आदर्श के रूप में उन्होंने भारत के लिए कहा था कि राम, कृष्ण और शंकर यह जब तक भारत के तीन आदर्श हैं तब तक भारत का कोई बाल बांका नहीं कर सकता है। भारत की जनता जब तक इन तीन देव महापुरुषों को अपना आदर्श मानेगी तब तक भारत, भारत बना रहेगा। इन तीनों देव महापुरुषों पर समाजवादी पार्टी का कोई विश्वास नहीं है, क्योंकि आप लोग भारत की आस्था के साथ खिलवाड़ करते हैं।”

नेता प्रतिपक्ष ने आज अपनी बात को बड़े दार्शनिक अंदाज में सदन में रखा
उन्होंने उपचुनावों में धांधली के समाजवादी पार्टी के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि दूसरों को उपदेश देने के बजाए स्वयं इन बातों को अपने आचरण में उतारा होता तो संभवत इतनी करारी हार नहीं होती और 2027 में भी इतनी करारी हार झेलने के लिए मजबूर न होना पड़ता। योगी ने कहा “ मुझे अच्छा लगा कि नेता प्रतिपक्ष ने आज अपनी बात को बड़े दार्शनिक अंदाज में सदन में रखा। उन्होंने डॉ राम मनोहर लोहिया के एक अनुयायी के रूप में अपनी बात को रखने का प्रयास किया, लेकिन वह स्वयं इसका आचरण कर पाते हैं या नहीं, यह उन्हें स्वयं ही देखना चाहिए था। आज की समाजवादी पार्टी डॉ लोहिया का नाम तो लेती है, लेकिन उनके मूल्यों और आदर्शों से दूर जा चुकी है।”

न जाति का भेद, ना क्षेत्र का भेद, ना मत और मजहब का भेद
योगी ने कहा “ आप कहते हैं कि हमारी सोच सांप्रदायिक है, आप मुझे बताइए कि हमारी सोच कहां से सांप्रदायिक है। हम तो सबका साथ, सबके विकास की बात करते हैं। हमारा तो आदर्श है सर्व भवंतु सुखिनः, सरवे सरवे संतनु निरामया। इसका सबसे आदर्श उदाहरण आपके सामने है महाकुम्भ। 45 दिन के इस आयोजन ने भारत की विरासत और विकास की एक अनुपम छाप न केवल भारत में, बल्कि दुनिया के सामने प्रस्तुत की है। क्या उसमें किसी के साथ कोई भेदभाव हुआ है। न जाति का भेद, ना क्षेत्र का भेद, ना मत और मजहब का भेद था। 100 से अधिक देशों के लोग बड़ी श्रद्धा भाव के साथ आए। जो भी विकास और विरासत की इस अनुपम छटा का सहभागी बना वह अभिभूत होकर गया। एक पक्ष यह है जो आपके सामने उदाहरण के रूप में है।”


67 तीर्थ में से हमने 54 तीर्थ को ढूंढ निकाला
मुख्यमंत्री योगी ने कहा “ प्रत्यक्ष को प्रमाण की क्या आवश्यकता है, लेकिन दूसरा पक्ष वह भी था जब 26 फरवरी को संभल में 56 वर्षों के बाद शिव मंदिर में जलाभिषेक का कार्यक्रम हो रहा था। अकेले संभल में 67 तीर्थ थे और 19 कूप भी थे, जिनको एक निश्चित समय के अंदर समाप्त कर दिया गया। इन 67 तीर्थ में से 54 तीर्थ को ढूंढने का काम हमने किया है जो हमारी विरासत का हिस्सा हैं। जो 19 कूप हैं उन्हें भी मुक्त कराया गया है। हमने यही कहा है की जो हमारा है वह हमें मिल जाना चाहिए। हम इससे इतर कहीं नहीं जा रहे हैं। सच कड़वा होता है और कड़वे सच को स्वीकार करने का सामर्थ्य भी होना चाहिए।” इस दौरान मुख्यमंत्री ने सामान्य बजट 2025-26 में भाग लेने के लिए सभी सदस्यों का आभार भी जताया। उन्होंने कहा कि अब तक कुल 93 सदस्यों में इस चर्चा में भाग लिया है, जिसमें 59 सदस्य सत्ता पक्ष और सहयोगी दलों के हैं, जबकि नेता प्रतिपक्ष समेत विपक्ष के 34 सदस्यों ने भी इसमें अपनी बात रखी है।

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Mamta Yadav

Related News

static