यूपी फोरेंसिक संस्थान विकसित करेगा मोबाइल ऐप, आपराधिक मामलों की जांच में करेगी पुलिस की मदद
punjabkesari.in Sunday, Dec 10, 2023 - 03:49 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य विधि विज्ञान संस्थान (UPSIFS) राज्य के पुलिस अधिकारियों को विभिन्न मामलों की जांच में मदद के लिए एक मोबाइल एप्लिकेशन विकसित करेगा। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। यह मोबाइल एप्लिकेशन जांच अधिकारियों (आईओ) की मदद करेगा। खासकर जांच के शुरुआती चरण में जब अपराध स्थल के संरक्षण और सुबूतों को छेड़छाड़ से बचाने की सबसे ज्यादा जरूरत होती है।
यूपीएसआईएफएस के निदेशक का जिम्मा संभाल रहे अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) जी. के. गोस्वामी ने बताया, ‘‘विकसित किये जा रहे मोबाइल एप्लिकेशन में विभिन्न मामलों की जांच में आईओ की सहायता के लिए उपयोगकर्ता के अनुकूल इंटरफेस होगा। किसी विशेष अपराध में मार्गदर्शन के लिए उन्हें ऐप के जरिए आवश्यक कदम सुझाये जाएंगे।'' इस एप्लिकेशन के माध्यम से एकत्र की गई जानकारी को संग्रहीत किया जाएगा और यहां तक कि उसे इंटर-ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (आईसीजेएस) के साथ भी जोड़ा जाएगा।
आईसीजेएस देश में आपराधिक मामलों में न्याय दिलाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मुख्य सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) प्रणाली को पांच स्तंभों यानी पुलिस (अपराध और आपराधिक निगरानी एवं नेटवर्क प्रणाली), फॉरेंसिक लैब, अदालतें, सार्वजनिक अभियोजक और जेलों के एकीकरण को सक्षम करने के लिए एक राष्ट्रीय मंच है। आईसीजेएस पर अपलोड होने के बाद अपराध स्थल से एकत्र किए गए डेटा के साथ छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है और वरिष्ठ अधिकारी उस तक पहुंचकर निगरानी कर सकते हैं। ये ऐप आपराधिक गतिविधियों के वैज्ञानिक फॉरेंसिक विश्लेषण को बढ़ावा देने के लिए तैयार किया जा रहा है, लेकिन ये संस्थान वृहद लक्ष्य का केवल एक हिस्सा है। यूपीएसआईएफएस एक अनोखा संस्थान है जो युवाओं को फॉरेंसिक विज्ञान से संबंधित विभिन्न क्षेत्रों में व्यावसायिक पाठ्यक्रम प्रदान करता है। हमारा प्राथमिक उद्देश्य भविष्य के फॉरेंसिक विशेषज्ञों को कुशल बनाना और तैयार करना है।''
संस्थान का लक्ष्य 400 छात्रों को दाखिला देने का है
यूपीएसआईएफएस गांधीनगर गुजरात में नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (एनएफएसयू) से संबद्ध है। इस विश्वविद्यालय की स्थापना एक दशक पहले की गई थी जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। यूपीएसआईएफएस का अभी औपचारिक रूप से उद्घाटन नहीं हुआ है लेकिन संस्थान ने इस वर्ष लखनऊ के सरोजिनी नगर क्षेत्र स्थित अपने विशाल परिसर में शैक्षणिक पाठ्यक्रम शुरू कर दिया है। वर्तमान में 118 छात्र विभिन्न शैक्षणिक पाठ्यक्रमों के तहत संस्थान में पढ़ रहे हैं। संस्थान के परिसर को तीन खंडों में विभाजित किया गया है। इनमें पांच एकड़ के परिसर में एक समर्पित डीएनए प्रयोगशाला और तीन एकड़ क्षेत्र में की फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला बनाई गई है। इसके अलावा 500 छात्रों के लिए छात्रावास की भी व्यवस्था की गयी है। संस्थान का लक्ष्य अगले शैक्षणिक वर्ष में 400 छात्रों को दाखिला देने का है। वर्तमान में हम फॉरेंसिक दस्तावेज़ परीक्षा, साइबर सुरक्षा, डीएनए फॉरेंसिक और फॉरेंसिक बैलिस्टिक और विस्फोटक में पीजी डिप्लोमा के साथ फॉरेंसिक बीएससी / एमएससी फॉरेंसिक साइंस से संबंधित पांच पाठ्यक्रम संचालित कर रहे हैं।''