निकाय चुनाव में यूपी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से राहत, सीएम योगी ने फैसले का किया स्वागत

punjabkesari.in Wednesday, Jan 04, 2023 - 06:13 PM (IST)

लखनऊ / नयी दिल्ली:  उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण के बिना शहरी स्थानीय निकाय चुनाव कराने का निर्देश दिया गया था। प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा की पीठ ने राज्य सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों पर संज्ञान लिया। पीठ ने निर्देश दिया कि राज्य सरकार द्वारा नियुक्त एक आयोग को 31 मार्च, 2023 तक स्थानीय निकायों के चुनाव के लिए ओबीसी आरक्षण से संबंधित मुद्दों पर फैसला करना होगा। वहीं इस फैसले का सीएम योगी ने स्वागत किया है।

 

उन्होंने ट्वीट कर कहा कि माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा उत्तर प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव के संबंध में दिए गए आदेश का हम स्वागत करते हैं। माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा दी गई समय सीमा के अंतर्गत ओबीसी आरक्षण लागू करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार निकाय चुनाव संपन्न कराने में सहयोग करेगी।

बता दें शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार को निर्वाचित प्रतिनिधियों के कार्यकाल की समाप्ति के बाद स्थानीय निकाय मामलों के संचालन के लिए प्रशासकों की नियुक्ति करने की अनुमति दी। उसने हालांकि कहा कि प्रशासकों के पास महत्वपूर्ण नीतिगत फैसले लेने की शक्तियां नहीं होंगी। शीर्ष अदालत इससे पहले शहरी स्थानीय निकाय चुनावों पर उसकी मसौदा अधिसूचना को रद्द करने और उसे अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण के बिना चुनाव कराने का निर्देश देने के उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली उत्तर प्रदेश सरकार की अपील पर सुनवाई के लिए सहमत हो गई थी।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने पांच दिसंबर की मसौदा अधिसूचना को रद्द करते हुए आदेश दिया था कि राज्य सरकार चुनावों को “तत्काल” अधिसूचित करे क्योंकि कई नगरपालिकाओं का कार्यकाल 31 जनवरी तक समाप्त हो जाएगा। अदालत ने राज्य निर्वाचन आयोग को मसौदा अधिसूचना में ओबीसी की सीटें सामान्य वर्ग को स्थानांतरित करने के बाद 31 जनवरी तक चुनाव कराने का निर्देश दिया था।


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Content Writer

Ramkesh

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