Nikay Chunav में देरी को लेकर Afzal Ansari का कटाक्ष- 'UP सरकार की नीति और नियत का हो गया पर्दाफाश'

punjabkesari.in Saturday, Dec 31, 2022 - 09:38 AM (IST)

गाजीपुर(अनिल कुमार): निकाय चुनाव  (Nikay Chunav) को लेकर राजनीतिक चर्चाओं का बाजार इन दिनों गर्म है। निकाय चुनावों  में ओबीसी वर्ग (OBC Category) को रिजर्वेशन दिए जाने के मसले पर बीएसपी (BSP) सांसद अफजाल अंसारी (Afzal Ansari) ने उत्तर प्रदेश सरकार पर तीखा हमला बोला है। अंसारी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ओबीसी आरक्षण पर यूपी सरकार की नीति और नियत का पर्दाफाश हो गया है।

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उत्तर प्रदेश सरकार की नीति और नियत को हो गया पर्दाफाश- अफजाल अंसारी
जानकारी के मुताबिक, मीडिया के पूछे सवाल के जवाब में गाजीपुर सांसद अफजाल अंसारी ने निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण को लेकर जवाब देते हुए कहा कि सरकार की नियत का पर्दाफाश हो गया है।योगी सरकार की ओर से कहा जा रहा है कि वह बिना आरक्षण के चुनाव कराने के हाइकोर्ट के निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी। आरक्षण लागू करने के बाद ही निकाय चुनाव कराए जाएंगे,भले ही चुनावों को आने वाले मार्च-अप्रैल के महीनों में ही कराना पड़े। सरकार के बोलने और व्यवहार में बहुत अंतर देखने को मिल रहा है। सरकार चाहे तो चुनाव करवा दे।ऐसा करने का उनके पास इलाहाबाद कोर्ट के फैसले का आधार भी है। लेकिन,सरकार जानती है कि ऐसा कराने से सरकार को राजनीतिक रूप से नुकसान होगा।

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देश में पहले भी राजनीतिक तौर पर आरक्षण दिए जाने को लेकर हो चुकी है चर्चा -अफजाल अंसारी
अंसारी के अनुसार सरकार का ओबीसी वर्ग को धोखा देकर वोट लेने के मंसूबे से पर्दा हट जाएगा। बैकवर्ड लोगों में इस बात को लेकर बहुत चिंता है। सभी दलों के अलावा ओबीसी वर्ग के लोग शैक्षणिक रूप से ,आर्थिक रूप से और सामाजिक रूप से भी चिंतित है। हमारे देश में पहले भी राजनीतिक तौर पर आरक्षण दिए जाने को लेकर चर्चा हो चुकी है।संविधान में जो व्यवस्था है उसके अनुरूप एक आयोग पहले भी बन चुका है। मंडल  आयोग एक ऐसा ही आयोग था, जिसके रिपोर्ट के आधार पर ओबीसी के आरक्षण दिया गया था। सरकार की कथनी और करनी से पर्दा उठ चुका है। सरकार की ओर से समाज के अपर क्लास के लोगों को यह बताया जाता है कि सरकार आरक्षण विरोधी है और इस बात को लेकर लोगों में गलतफहमी भी है ।अगर सरकार वाकई आरक्षण विरोधी है, तो फिर सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का क्या तर्क बनता है । वैसे भी हाइकोर्ट ने डायरेक्शन दिया है कि बिना आरक्षण चुनाव कराया जाए।


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Content Editor

Anil Kapoor

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