UP: शिक्षकों को BLO बनाने पर हाईकोर्ट ने योगी सरकार से किया जवाब-तलब

punjabkesari.in Wednesday, Nov 04, 2020 - 02:03 PM (IST)

लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने उत्तर प्रदेश के प्राइमरी शिक्षकों को बूथ लेवल अफसर (बीएलओ) के रूप में प्रस्तावित तैनाती को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। 

अदालत ने जानना चाहा है कि किस नियम के तहत शिक्षकों को बीएलओ बनाया जा रहा है। अदालत ने मामले में पक्षकारों-राज्य सरकार समेत रायबरेली के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को एक माह में जवाबी हलफ़नामा दाख़िल करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज मित्तल और न्यायामूर्ति सौरभ लवानिया की खंडपीठ ने राष्ट्रीय शिक्षक महासंघ व एक अन्य की जनहित याचिका पर दिया। इसमें याचियों ने 22 सितंबर 2020 के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसके तहत प्राथमिक शिक्षकों की बीएलओ के रूप में ड्यूटी पर तैनाती की जानी है। 

याचियों का कहना था कि अभी कोई चुनाव घोषित नहीं हुआ है और बीएलओ की ड्यूटी किसी चुनाव से संबंधित नहीं है, जिसे बच्चों को मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा अधिनियम 2009 के तहत छूट मिली है। याचियों की दलील थी कि इस अधिनियम की धारा 27 में प्रावधानित कार्य के अलावा और कोई काम शिक्षकों से नहीं लिया जा सकता। ऐसे में यह आदेश कानून की मंशा के खिलाफ है।

उधर, राज्य सरकार की तरफ से सरकारी वकील और रायबरेली के बीएसए की तरफ से वकील पेश हुए। कोर्ट ने इन दोनों पक्षकारों के वकीलों को निर्देश दिया कि मामले में एक माह में जवाबी हलफ़नामा दाखिल करें। इसके बाद दो हफ्ते का वक्त याचियों को प्रति उत्तर दाखिल करने को दिया है। अदालत ने इसके बाद याचिका को अगली सुनवाई की लिए सूचीबद्ध करने को कहा है।


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Umakant yadav

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