UP: यात्रियों के जीवन से खिलवाड़ कर रही हैं लग्जरी बसें, शासन को हर महीने लाखों रुपए के राजस्व का लगा रहीं चूना

punjabkesari.in Monday, Oct 03, 2022 - 08:03 PM (IST)

हमीरपुर: उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में अवैध रुप से चल रही लग्जरी बसें यात्री किराये में जीएसटी की चोरी कर सरकारी राजस्व को क्षति पहुंचा रही हैं वहीं, इन बसों में यात्रियों का बीमा न होने से लोगों के जीवन से भी खिलवाड़ हो रहा है। इन बसों के टिकट में बीमा शामिल न होने से भी शासन को हर महीने लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान हो जाता है।       

बसों के पास केवल थोक यात्री बुकिंग करने का परमिट
परिवहन विभाग के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक (एआरएम) अकील अहमद खान ने सोमवार को बताया कि इस मुद्दे की पड़ताल करने पर चौंकाने वाले तथ्य उजागर हुये हैं। उन्होंने कहा कि जिले में विभिन्न रुटों में करीब 50 से अधिक लग्जरी बसें हमीरपुर जिले से निकलती है। इन बसों के पास केवल थोक यात्री बुकिंग करने का परमिट होता है। किसी बस के पास कान्ट्रैक्ट कैरिज यानी सड़कों से फुटकर यात्रियों को उठाने का परमिट नहीं है। जबकि ये बसें सड़क पर खड़े यात्रियों को रोजाना यात्रा करातीं है। इससे हर माह रोडवेज का लाखों रुपये का राजस्व का नुकसान होता है।       

बस के टिकट में यात्री का बीमा नहीं
खान का कहना है कि शासनादेश के मुताबिक बस ऑपरेटर को हर टिकट पर जीएसटी देना अनिवार्य होता है, मगर बसों के संचालक स्वयं अपने टिकट प्रिन्ट कराकर यात्रियों को टिकट देते हैं। जिससे शासन को राजस्व का दोहरा नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि ये बसें लंबे रूट पर अहमदबाद, मुंबई और दिल्ली के अलावा कई बड़े शहरों तक जाती हैं। इनमें किसी भी बस के टिकट में यात्री का बीमा नहीं होता है। रोडवेज बस के हर टिकट में रेल टिकट की तर्ज पर यात्री का बीमा शामिल होता है। खान ने बताया कि इस मामले को सेल टैक्स विभाग के राज्य कर अधिकारी व आरटीओ को संज्ञान में लेना चाहिये।

लग्जरी बसों के टिकट को ARM  ने अपने कब्जे में लिया
राजस्व के दोहरे नुकसान की बात तब उजागर हुई जब दो दिन पहले हमीरपुर के एआरटीओ ने एक लग्जरी बस का चालान किया था। एआरएम रोडवेज व एआरटीओ की संयुक्त जांच में लग्जरी बस का टिकट देखकर पता चला कि इसमें बीमा और जीएसटी शामिल ही नहीं है। एआरएम ने शासन को इस स्थिति से अवगत कराने के लिये लग्जरी बसों के टिकट को अपने कब्जे में ले लिया है। यही नहीं इन बसों के संचालन के लिये जगह-जगह ट्रेवल एजेंसियों के नाम ख इनके दफ्तर खुले हैं। पिछले साल तत्कालीन जिलाधिकारी ज्ञानेश्वर त्रिपाठी ने इन दफ्तरों को हटा दिया था। उनके तबादले के बाद लग्जरी बसें धड़ल्ले से चल रही है।       

लग्जरी बसें जो फुटकर यात्री उठाती हैं, वह गैर कानूनी
जिले के एआरटीओ अमिताभ राय का कहना है कि लग्जरी बसों के नियम कानून बहुत ही जटिल हैं। उन्होंने कहा कि लग्जरी बसें जो फुटकर यात्री उठाती हैं, वह गैर कानूनी है। यहां से बसों का संचालन भी नहीं होना चाहिये। वहीं सेल टैक्स के राज्य कर अधिकारी (सचल दल) संजय सिंह का कहना है कि लग्जरी बसें जहां पंजीकृत होती हैं, वहीं जीएसटी जमा करती है। उनका यहां से कोई लेना देना नहीं है। स्थानीय पुलिस का कहना है कि लग्जरी बसें पूरी तरह आरटीओ देखते है। पुलिस इस मामले में ज्यादा जांच पड़ताल नहीं करती है। कुल मिलाकर विभागीय नियमों की जटिलताओं का लाभ उठाकर लग्जरी बस ऑपरेटर सरकार को राजस्व हानि पहुंचाने के अलावा यात्रियों की सुरक्षा से भी खुलेआम खिलवाड़ कर रहे हैं।


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Content Writer

Mamta Yadav

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