यूपी पुलिस के सिपाही ने जीता बच्चों का दिल ! कीचड़ में फंसी स्कूली वैन को धक्का देकर निकाला बाहर, देखें तस्वीर
punjabkesari.in Monday, Apr 14, 2025 - 03:00 PM (IST)

Ghazipur News, (मो०आरिफ): पुलिस कर्मी जिन्हें देखने के बाद और उनके क्रियाकलापों को देखकर जहां लोग उन्हें गाली देते हुए नजर आते हैं वहीं कुछ ऐसे भी पुलिसकर्मी है जिनके कार्यों को देखने के बाद एक बार लोग सोचने को मजबूर होते हैं। जी हां ऐसी ही एक तस्वीर गाजीपुर में सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है जिसमें एक व्यक्ति जो पुलिस की वर्दी में है और वह स्कूली वाहन को धक्का देते हुए नजर आ रहा है।
घंटों कीचड़ में फंसी रही स्कूली वैन
बता दें कि यह कोई रील नहीं बल्कि रीयल वीडियो है और यह मामला 11 अप्रैल का है जब बारिश के बाद जगह-जगह पानी लग जाने की वजह से कच्ची सड़कों पर कीचड़ हो गया था। तब छावनी लाइन इलाके में एक स्कूली वाहन जिसमें करीब 10 से 15 स्कूली बच्चे बैठे हुए थे और यह वाहन करीब 1 घंटे से उस कीचड़ से निकलने का प्रयास कर रहा था लेकिन नहीं निकल पा रहा था। इसी दरमियान कारागार ड्यूटी से छूटने के बाद कांस्टेबल अनिल कुमार अपने पुलिस लाइन आवास की तरफ जा रहे थे तभी उनकी नजर स्कूली वाहन पर पड़ी। जहां पर स्कूली बच्चे काफी परेशान नजर आ रहे थे तब उन्होंने वाहन के चालक से बात किया तो उसने बताया कि वह 1 घंटे से फंसा हुआ है और उसने गाड़ी मालिक को फोन किया है वह भी आता ही होगा। लेकिन काफी देर इंतजार करने के बाद जब कोई नहीं आया तब कांस्टेबल ने पास के ही ईट भट्टे से तीन चार मजदूरों को बुलाया और सभी बच्चों को पहले गाड़ी से बाहर निकाला और उसके बाद मजदूरों के साथ खुद धक्का देकर गाड़ी को कीचड़ से बाहर निकाला।
कांस्टेबल ने सभी बच्चों से हाथ मिलाकर उन्हें घरों के लिए विदा किया
कीचड़ से गाड़ी को बाहर निकल जाने के बाद छात्रों के चेहरे पर काफी खुशी देखने को मिली। क्योंकि उनके स्कूल की छुट्टी हुए 2 से 3 घंटे बीतने वाले थे और वह अपने घर नहीं पहुंच पाए थे जिसके चलते उनके परिवार के लोग भी काफी चिंतित थे। और उसके बाद कांस्टेबल अनिल ने सभी बच्चों से हाथ मिलाकर उन्हें स्कूली वाहन में बैठाकर उन्हें उनके घरों के लिए विदा किया। इस दौरान छात्र भी हाथ हिलाते हुए कांस्टेबल का अभिवादन करते नजर आए।
आए दिन इस तरह की मदद करते रहते हैं कांस्टेबल अनिल
कांस्टेबल अनिल कुमार जो मौजूदा समय में गाजीपुर जिला कारागार पर कार्यरत है। जबकि उनकी मूल तैनाती नंदगंज थाने पर है लेकिन 45 दिनों के लिए उनकी कारागार ड्यूटी लगाई गई है। जिसके लिए वह प्रतिदिन पुलिस लाइन आवास से कारागर आते और जाते हैं और इसी दौरान यह मामला उनके सामने आया था। उन्होंने बताया कि वह 2016 बैच के कांस्टेबल हैं और घोरावल जनपद सोनभद्र के रहने वाले हैं।उन्होंने बताया कि उनके लिए या कोई पहला काम नहीं है बल्कि राह चलते उन्हें जब भी लगता है कि किसी की मदद करनी चाहिए तब उसकी जरुर मदद करते हैं। भले ही उसके लिए उन्हें कुछ पैसे ही खर्च क्यों न करने पड़े और यह आए दिन इस तरह करते रहते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि वह भी बच्चों के पिता है और जब उनके बच्चे स्कूल से घर नहीं पहुंचते हैं तब उनकी पत्नी और परिवार के लोग काफी चिंतित हो जाते हैं। और इस चिंता को जेहन में रखकर उन्होंने छात्रों से भरी वाहन के लिए मदद का हाथ बढ़ाया था।