गैंगस्टर Atiq Ahmed को साबरमती जेल से लेकर रवाना हुई UP Police, बाहर निकलते ही अतीक को सताने लगा मौत का डर!
punjabkesari.in Tuesday, Apr 11, 2023 - 03:47 PM (IST)
अहमदाबाद\ प्रयागराज: उमेश पाल हत्याकांड (Umesh Pal murder case) के सिलसिले में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की एक पुलिस टीम गैंगस्टर-नेता अतीक अहमद (Atiq Ahmed) के साथ मंगलवार को साबरमती सेंट्रल जेल (Sabarmati Central Jail) से सड़क मार्ग से प्रयागराज (Prayagraj) के लिए रवाना हुई। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। उमेश पाल (Umesh Pal) और उनके दो पुलिस सुरक्षा गार्डों की इस साल 24 फरवरी को प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या (Murder) कर दी गई थी। उमेश पाल की पत्नी जया पाल द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर 25 फरवरी को अहमद, उनके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, दो बेटों, गुड्डू मुस्लिम और गुलाम और 9 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज (FIR) किया गया था। इससे पहले भी उत्तर प्रदेश पुलिस (Uttar Pradesh Police) 26 मार्च को भी अहमद को अदालत (Court) में पेश करने के लिए गुजरात के अहमदाबाद शहर की साबरमती जेल (Sabarmati Central Jail) से यूपी के प्रयागराज (Prayagraj) ले गई थी।
अदालत ने 2006 के उमेश पाल अपहरण मामले में अहमद और दो अन्य को आजीवन कारावास की सुनाई थी सजा
मिली जानकारी के मुताबिक, 28 मार्च को वहां की अदालत ने 2006 के उमेश पाल अपहरण मामले में अहमद और दो अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। उत्तर प्रदेश के 60 वर्षीय पूर्व विधायक और लोकसभा सदस्य को प्रयागराज से लगभग 24 घंटे की सड़क यात्रा के बाद 29 मार्च को यूपी पुलिस वैन में गुजरात की उच्च सुरक्षा वाली जेल में वापस लाया गया था। 2006 में अतीक अहमद और उनके सहयोगियों ने उमेश पाल का अपहरण कर लिया और उन्हें अपने पक्ष में अदालत में बयान देने के लिए मजबूर किया। उमेश पाल ने इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी। सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल 2019 में निर्देश दिया था कि जेल में रहने के दौरान एक रियल एस्टेट व्यवसायी मोहित जायसवाल के अपहरण और मारपीट के आरोप में अहमद को गुजरात की एक उच्च-सुरक्षा जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था। पुलिस ने कहा कि अहमद पर हाल ही में उमेश पाल हत्याकांड सहित 100 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं।
उमेश पाल की इसी साल 24 फरवरी को प्रयागराज स्थित उनके आवास के बाहर गोली मारकर कर दी गई थी हत्या
सबसे सनसनीखेज हत्याओं में, जिसमें अहमद कथित रूप से शामिल है वह बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के विधायक राजू पाल की थी। जिसकी 2005 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की इसी साल 24 फरवरी को प्रयागराज स्थित उनके आवास के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अहमद ने पिछले महीने सुरक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, जिसमें दावा किया गया था कि उन्हें और उनके परिवार को प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी के रूप में झूठा फंसाया गया है और उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा उन्हें फर्जी मुठभेड़ में मारा जा सकता है। अहमद ने अपनी याचिका में कहा था कि यूपी पुलिस पूरी तरह से उसकी ट्रांजिट रिमांड और अहमदाबाद से प्रयागराज ले जाने के लिए पुलिस रिमांड की मांग कर रही थी और वह "वास्तव में आशंका है कि इस ट्रांजिट अवधि के दौरान उसे खत्म किया जा सकता है"।