नोएडा में बनेगा यूपी का 5वां अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, प्रदेश की आर्थिक कायाकल्प में जेवर एयरपोर्ट की होगी अहम भूमिका

punjabkesari.in Tuesday, Nov 23, 2021 - 07:22 PM (IST)

नयी दिल्ली/ लखनऊ: देश की राजधानी से सटे उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले में बनने वाला नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा उत्तरी भारत में लॉजिस्टिक का एक विशाल एवं वैश्विक हब बनेगा जो राज्य का आर्थिक कायाकल्प करने में अहम भूमिका निभायेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 नवंबर को अपराह्न गौतम बुद्ध नगर जिले के जेवर में नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (एनआईए) की आधारशिला रखेंगे। इसके साथ उत्तर प्रदेश देश का एकमात्र ऐसा राज्य होगा, जहां पांच अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे बनाये जा रहे हैं। कुशीनगर हवाई अड्डे का हाल में उद्घाटन हो चुका है और अयोध्या में एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण-कार्य चल रहा है। लखनऊ एवं वाराणसी पहले ही अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के रूप में काम कर रहे हैं।    

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में यह दूसरा अंतररष्ट्रीय हवाई अड्डा होगा। इससे इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर दबाव को कम करने में मदद मिलेगी। भौगोलिक रूप से रणनीतिक स्थिति के कारण यह दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, अलीगढ़, आगरा, फरीदाबाद सहित शहरी आबादी और पड़ोसी इलाकों के लिए बहुत उपयोगी साबित होगा। सरकारी सूत्रों का कहना है कि स्विट्जरलैंड की ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी द्वारा निर्माणाधीन नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा उत्तरी भारत के लिये लॉजिस्टिक्स का द्वार बनेगा। अपने विस्तृत पैमाने और क्षमता के कारण, हवाई अड्डा उत्तर प्रदेश के परिदृश्य को बदल देगा। वह राज्य को वैश्विक लॉजिस्टिक मानचित्र में स्थापित होने में मदद करेगा। पहली बार भारत में किसी ऐसे हवाई अड्डे की परिकल्पना की गई है जहां एकीकृत मल्टी मॉडल कार्गो केंद्र हो तथा जहां सारा ध्यान लॉजिस्टिक सम्बंधी खर्चों और समय में कमी लाने पर हो।              

नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर समर्पित कार्गो टर्मिनल की क्षमता 20 लाख टन होगी जिसे भविष्य में बढ़ाकर 80 लाख टन किया जायेगा। औद्योगिक उत्पादों के निर्यात आवागमन की सुविधा के जरिये यह हवाई अड्डा क्षेत्र में भारी निवेश को आकर्षित करने, औद्योगिक विकास की गति बढ़ाने और स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभायेगा। इससे नये उद्यमों को अधिसंख्य अवसर मिलेंगे तथा रोजगार के मौके भी पैदा होंगे।  हवाई अड्डे में ग्राउंड ट्रांसपोर्टेशन सेंटर विकसित किया जायेगा जिसमें मल्टी मॉडल ट्रांजिट केंद्र, मेट्रो और हाई स्पीड रेलवे के स्टेशन होंगे। टैक्सी, बस सेवा और निजी वाहन पाकिर्ंग सुविधा मौजूद होगी। इस तरह हवाई अड्डा सड़क, रेल और मेट्रो से सीधे जुड़ने में सक्षम हो जायेगा। नोएडा और दिल्ली को निर्बाध मेट्रो सेवा के जरिये जोड़ा जायेगा। आसपास के सभी प्रमुख मार्ग और राजमार्ग, जैसे यमुना एक्सप्रेसवे, वेस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे, ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे, दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेसवे तथा अन्य भी हवाई अड्डे से जोड़े जायेंगे।

हवाई अड्डे को प्रस्तावित दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल से भी जोड़ने की योजना है जिसके कारण दिल्ली और हवाई अड्डे के बीच का सफर मात्र 21 मिनट का हो जायेगा। हवाई अड्डे में उत्कृष्ट एमआरओ (मेंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहॉलिंग) सेवा भी होगी। हवाई अड्डे की डिजाइन बनाने में इस बात का ध्यान रखा गया है कि परिचालन खर्च कम हो तथा निर्बाध और तेजी से यात्रियों का आवागमन हो सके। हवाई अड्डे में टर्मिनल के नजदीक ही हवाई जहाजों को खड़ा करने की सुविधा होगी ताकि उसी स्थान से घरेलू और अंतररष्ट्रीय उड़ानों के परिचालन में वायुसेवाओं को आसानी हो। इसके कारण हवाई अड्डे पर हवाई जहाज जल्दी से काम पर लग जायेंगे तथा यात्रियों के आवागमन भी निर्बाध और तेजी से संभव होगा। 

 


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Content Writer

Tamanna Bhardwaj

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