UP: हिंसा और आगजनी मामले में पूर्व मंत्री सुरेश राणा समेत तीन BJP नेता बरी, बोले- सत्य की हुई जीत

punjabkesari.in Tuesday, Jan 24, 2023 - 10:56 PM (IST)

मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के शामली (Shamli) वर्ष 2013 में विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के मामले में विशेष एमपी/एमएलए अदालत (MP MLA Court) ने यूपी के पूर्व गन्ना विकास मंत्री (Former sugarcane development minister) सुरेश राणा (Suresh Rana) समेत भाजपा नेताओं (BJP Leader) को साक्ष्यों के अभाव में मंगलवार को बरी कर दिया। कोर्ट (Court) के निर्णय के बाद पूर्व मंत्री ने कहा कि उस समय सत्ताधारी समाजवादी पार्टी ने भाजपा नेताओं को डराने के लिए फर्जी मुकदमा लगाया था, यह सत्य और न्याय की जीत हुई है।

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 2013 में शामली में हरिद्वार की रहने वाली एक युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म
बचाव पक्ष के वकील शगुन मित्तल ने बताया कि विशेष एमपी/एमएलए अदालत के न्यायाधीश सुरेन्द्र कुमार ने पूर्व मंत्री राणा तथा मामले के दो अन्य अभियुक्तों घनश्याम पारचा एवं राधेश्याम पारचा को सुबूतों के अभाव में दोषमुक्त करार दिया है। उन्होंने बताया कि अभियोजन पक्ष उनके मुवक्किलों के खिलाफ दर्ज मुकदमे में आरोप साबित नहीं कर सका। गौरतलब है कि जून 2013 में शामली में हरिद्वार की रहने वाली एक युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना हुई थी। वारदात का आरोप दूसरे संप्रदाय के युवकों पर लगा था। घटना के विरोध में राणा तथा हिंदू संगठनों के लोगों ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर शामली में धरना दिया था। पुलिस द्वारा बल प्रयोग किये जाने के बाद पथराव एवं आगजनी हुई थी और इस दौरान कई वाहनों में आग लगा दी गयी थी और सार्वजनिक सम्पत्ति में तोड़फोड़ की गयी थी। इसी मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था।

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सपा सरकार के दबाव में प्रशासन दुष्कर्म के मामले में कार्रवाई को टालना चाहता था
उधर, पूर्व मंत्री सुरेश राणा ने कहा कि उस समय प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी। सरकार के दबाव में प्रशासन दुष्कर्म के मामले में कार्रवाई को टालना चाहता था। इसीलिए भाजपा नेता व कार्यकर्ताओं के खिलाफ तथ्यहीन व झूठे मुकदमे दर्ज कराए गए थे।


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Mamta Yadav

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