आर्थिक तंगी में जी रहे परिवार का वीडियो वायरल, CM योगी के निर्देश अधिकारियों ने पहुंचाई मदद
punjabkesari.in Saturday, Apr 19, 2025 - 07:15 PM (IST)

लखीमपुर खीरी: यूपी में बीजेपी वाली डबल इंजन की सरकार है यह सरकार जन जन तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने का दावा कर रही है। मगर सरकारी नुमाइंदों की लापरवाही से एक परिवार आज भी सरकारी योजनाओं से कोसो दूर है और टूटे-फुटे कच्चे मकान में रहने को मजबूर है। लखीमपुर खीरी के हानिया टोला निवासी प्रताप अपने बच्चों के साथ गरीबी में अपना जीवन यापन कर रहे हैं। परिवार में खाने का एक दाना तक नहीं था। राशन नहीं होने से घर में दो दिनों से चूल्हा भी नहीं जला था। सोशल मीडिया पर इस परिवार की तंगी हालत का वीडियो जब वायरल हुआ। घटना सीमए योगी के संज्ञान में आया तो अधिकारियों में हड़कंप मच गया। आनन फानन में इस परिवार तक मदद पहुंचाई गई।
परिवार में दो बहनें दृष्टिहीन है
दरअसल, लखीमपुर खीरी के हानिया टोला निवासी प्रताप अपने बच्चों के साथ गरीबी में अपना जीवन यापन कर रहे थे। परिवार में सोनी और मोनी दोनों बहनें दृष्टिहीन हैं...इन बच्चियों की माता रामरति का दो साल पहले निधन हो चुका है। बताया जाता है कि प्रताप की पत्नी रामरति राशन कार्ड के लिए दफ्तरों के चक्कर काट रहीं थीं।
सरकारी योजना का परिवार को नहीं मिला रहा लाभ
परिवार में किसी का भी आधार कार्ड नहीं बना है...न ही राशन कार्ड है..इसके अलावा न तो प्रधानमंत्री आवास योजना का उन्हें लाभ मिला है और न ही गैस चूल्हे का ही इंतजाम हुआ...प्रताप की बेटी मोनी ने बताया कि गैस चूल्हा न होने के चलते वो मिट्टी के चूल्हे पर खाना बनाती हैं...मगर, पिछले कई दिन से उनके घर में एक अनाज का दाना तक नहीं है...कच्ची दीवार पर पड़ा छप्पर टूट गया है...आंधी-पानी आने की वजह से परिवार के लोग भीगते रहते हैं।
सीएम योगी के निर्देश पर अधिकारियों ने मदद का बढ़ाया हाथ
हालांकि सीएम योगी के आदेश जिला अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल ने परिवार को हर संभव सरकारी लाभ दिलाने के लिए कहा है। उन्होंने इसके लिए नायब तहसीलदार लेखपाल को निर्देश कर कागजी कार्रवाई करने के बाद लाभ देने का वादा किया है। बहरहाल, परिवार की दयनीय दशा को लेकर वीडियो वायरल होने के बाद सीएम योगी के निर्देश पर प्रशासनिक कर्मचारियों को भेजकर तुरंत मदद उपलब्ध कराई गई है...और आगे इस परिवार को सरकार की अन्य योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए लिखा पड़ी शुरू कर दी गई है। हालाकि सवाल यह है कि जिन जिम्मेदार अधिकारियों इसकी जिम्मेदारी है तो अब आखिर वो क्या रहे थे।