Video: फेक एनकाउंटर में 16 साल बाद फैसला, CBI की स्पेशल कोर्ट ने 9 पुलिस कर्मियों को दी सजा

punjabkesari.in Thursday, Dec 22, 2022 - 07:07 PM (IST)

गाजियाबाद: कहते हैं ना सच्चाई कभी मिटती नहीं और अपराध कभी छिपता नहीं है अपराध किया है उसे आज नहीं तो कल सजा मिलनी तय है। हां हम बात कर रहे हैं जनपद एटा में हुए फेक एनकाउंटर की। जहां कुछ साल पहले आउट-आफ टर्न प्रमोशन के लिए एटा में पुलिस वालों ने पहले बेगुनाह बढ़ई की हत्या कर उसका हंसता-खेलता परिवार तबाह कर दिया। जिसके बाद न्याय की लड़ाई में भी खाकी ने खूब हनक दिखाई, लेकिन न्याय तो पीड़ित परिजनों को मिलना ही था जिसके लिए उन्हें लंबे समय का इंतजार करना पड़ा। 

दरअसल, उत्तर प्रदेश की एक विशेष CBI कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के एटा में लगभग 16 साल पहले हुए एक फर्जी एनकाउंटर मामले में तत्कालीन पुलिस स्टेशन हाउस ऑफिसर सहित 9 पुलिसकर्मियों को दोषी ठहराया। पूर्व SHO पवन सिंह, श्रीपाल सिंह ठेनुआ, राजेंद्र प्रसाद, सरनाम सिंह और मोहकम सिंह समेत सभी दोषियों को उम्रकैद की सजा और 30-30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। वहीं इस मामले में अन्य आरोपियों बलदेव प्रसाद, सुमेर सिंह, अजय कुमार और अवधेश रावत को आईपीसी की धारा 34 के तहत जानबूझकर सबूत मिटाने के लिए 5 साल की कैद और 11,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई है। 

गौरतलब है कि सुनेहरा गांव निवासी बढ़ई राजाराम 18 अगस्त 2006 को कथित मुठभेड़ में मारा गया था। सिद्धपुर थाने में तैनात आरोपी पुलिसकर्मियों ने उसे डकैत बताकर फर्जी मुठभेड़ में मार डाला था।  पुलिस ने उस वक्त दावा किया था कि राजाराम उस रात को भी डकैती की वारदात करने के लिए जा रहा था। पुलिस ने फर्जी एनकाउंटर में राजाराम बढ़ई की हत्या करने के बाद उसकी लाश को अज्ञात दिखाया था। 


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Content Writer

Ramkesh

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