अयोध्या में VIP मूवमेंट पर 10 जुलाई तक लगी रोक, हनुमानगढ़ी में सीढ़ी के चौड़ीकरण का चल रहा निर्माण कार्य

punjabkesari.in Friday, Jun 07, 2024 - 06:27 PM (IST)

अयोध्या: अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रति दिन लाखों की संख्या में राम भक्त दर्शन पूजन करने अयोध्या आ रहे हैं। राम मंदिर में दर्शन करने के बाद श्रद्धालु हनुमानगढ़ी में दर्शन पूजन करते है। इसी बीच हनुमानगढ़ी मंदिर से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने निकल कर आई है।  हनुमानगढ़ी पंचायती अखाड़े ने एक बैठक की, जिसमें प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे इसके बाद यह निर्णय लिया गया कि आज से और आगामी 10 जुलाई तक हनुमानगढ़ी पर सभी तरह के वीआईपी दर्शनों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध रहेगा।

उन्होंने बताया कि इतना ही नहीं हनुमानगढ़ी मंदिर में अब श्रद्धालु जिस रास्ते से दर्शन करने जाते थे, उसी रास्ते से वह वापस आएंगे। निकासी मार्ग को भी पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया है। इसके अलावा हनुमानगढ़ी पर व्हीलचेयर की सुविधा पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। ऐसे में प्रशासन निर्देश जारी कर अयोध्या में VIP मूवमेंट पर 10 जुलाई तक रोक लगा दी।

हनुमानगढ़ी के महंत संजय दास ने कहा कि मंदिर प्रबंधन समिति हनुमानगढ़ी ने यह निर्णय लिया है कि निकास द्वार पर जो भी कार्य हो रहा है, उसमें कोई रुकावट अथवा बाधा न उत्पन्न हो इसको लेकर अब हनुमानगढ़ी पर आने वाले भक्त मेन गेट से एंट्री करेंगे और मेन गेट से ही दर्शन करके वापस आएंगे। उन्होंने बताया कि हनुमान गढ़ी पर सीढ़ी के चौड़ीकरण का निर्माण कार्य चल रहा है। 10 जुलाई तक कार्य सम्पन्न हो जाएगा। उसके बाद  VIP मूवमेंट की अनुमति होगी।

आप को बता दें कि  हिन्दुओं की मान्यता है कि श्री राम का जन्म अयोध्या में हुआ था और उनके जन्मस्थान पर एक भव्य मंदिर विराजमान था जिसे मुगल आक्रमणकारी बाबर ने तोड़कर वहां एक मस्जिद बना दी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई में इस स्थान को मुक्त करने एवं वहां एक नया मंदिर बनाने के लिये एक लम्बा आन्दोलन चला। जिसका मामला काफी लम्बे समय तक कोर्ट में लेकिन  9 नवंबर 2019 को राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद का अंतिम फैसला आया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि जो 2.77 एकड़ की विवादित जमीन है, वह रामलला की जन्मभूमि है। कोर्ट ने इस जमीन को उस ट्रस्ट को सौंपने का फैसला सुनाया उसके बाद उस जमीन पर मंदिर का निर्माण चल रहा है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने 5 एकड़ जमीन उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को देने का भी निर्देश दिया ताकि बोर्ड एक मस्जिद बना सके। 


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Content Writer

Ramkesh

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