कार्यकर्त्ता का हुआ चालान तो अधिकारियों के पास दौड़ी सांसद इकरा हसन, बोलीं- ‘सही नहीं हुआ बताने आई, नहीं तो एक फोन से हो जाते हैं सांसद के काम"
punjabkesari.in Sunday, May 04, 2025 - 03:43 PM (IST)

Shamli News, (पंकज मलिक): उत्तर प्रदेश के जनपद शामली में समाधान दिवस के दौरान कलेक्ट्रट में मौजूद अधिकारी एवं कर्मचारी उस समय हक्का बक्का रह गए जब अचानक से कैराना से समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा हसन अपने समर्थको के साथ पहुँच गई और अधिकारियों से बोलीं की हमारी भी एक समस्या है उसका भी हो समाधान। सांसद इकरा हसन ने एसडीएम से कहा की आपको अवगत कराने आई हूँ वरना एक फोन पर सांसद के काम हो जाते हैं उन्हें ऐसे आना नहीं पड़ता। बातचीत के दौरान एसडीएम और सांसद एक दूसरे के हाथ जोड़ते हुए भी नजर आये।
दरअसल, पूरा मामला शामली कलेक्ट्रट का है जहां पर एसडीएम शामली की अध्यक्षता में कलेक्ट्रट सभागार में समाधान दिवस का आयोजन चल रह था। जिसमे अपर पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार और जिले के विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे और अपनी समस्या लेकर आने वाले फरियादियों को सुन रहे थे। उसी दौरान कैराना से सपा सांसद इकरा हसन भी समाधान दिवस में पहुंच गई। इस तरह अचानक से समाधान दिवस में पहुंची सांसद को देखकर सभी अधिकारी भी हक्का बक्का रह गए और सोच ही रहे थे की सांसद जी अचानक से समाधान दिवस में क्यों आई है की इसी बीच सांसद जी बोलीं की एक समस्या हमारी भी और हमारा भी तो समाधान होना चाहिए।
एसडीएम साहब से बोलीं की आपको कुछ कहा था क्या हुआ उस काम में, तभी एसडीएम साहब बोले की मैडम समाधान दिवस के बाद बात करते है। बस फिर क्या था यह बात शायद सांसद जी को थोड़ा अजीब लगी और वह एसडीएम साहब से बोलीं की जो हुआ है गलत हुआ है और आपने किसी के दबाव में तो ऐसा नहीं किया। मैं तो सिर्फ आपको बताने आई हूँ वरना सांसद के काम तो एक फोन पर हो जाते है। हालाँकि वही दूसरी तरफ अपर पुलिस अधीक्षक से यह भी कहते हुए दिखाई दी की मै यहां किसी के काम में बाधा डालने नहीं आई हूँ। जब सांसद से उनके अचानक से तहसील दिवस में आ धमकने के बारे मे पूछा तो उन्होंने कैमरे पर कुछ भी बोलने से साफ इंकार कर दिया लेकिन सांसद साहिबा को कौन बताये की जो वो बताना नहीं चाहती है वह तो सब देख और सुन चुके है की एक कार्यकर्त्ता पर हुई कानूनी कार्यावही से वह किस कदर बौखलाई हुई है।
बता दें की बाबरी थाना क्षेत्र के गांव महावतपुर के रहने वाले संदीप नाम के व्यक्ति पर आरोप है की उसने गांव के ही एक बच्चे को उस समय एक चाँटा मार दिया था जब वह बच्चा उसके घर पर आकर उसे गली-गलोच कर रहा था जिसकी शिकायत बच्चे के परिजनों ने पुलिस को दी और पुलिस ने संदीप को अपने बयान देने के लिए थाना बुलाया और उसे एसडीएम साहब के समक्ष पेश किया गया जहाँ से उसे जेल भेज दिया था। वहीं समाजवादी पार्टी के लोगों का कहना है की सत्ताधारी पार्टी के एक नेता के दबाव के चलते पुलिस ने एक पक्षीय कार्यवाही की जबकि शांतिभंग की धाराओं में दोनों पक्षों पर कार्यवाही होनी चाहिए थी। इसी के चलते सांसद समाधान दिवस के बीच में ही कलेक्ट्रट में आ धमकी और अधिकारियो से जवाब तलब करने लगी।
सांसद इकरा हसन के साथ पहुंचे सपा नेता शेरसिंह राणा ने पुलिस और अधिकारियो पर सत्ताधारी पार्टी के नेता और पूर्व गन्ना मंत्री सुरेश राणा के दबाव में आकर एक पक्षीय कार्यवाही करने का आरोप लगाया। कहा की एसडीएम साहब को संदीप को ज़मानत देनी चाहिए थी लेकिन सत्ता के दबाव में नही दी। संदीप ने बच्चे को एक थप्पड़ ही मारा था और अगर उसमें कोई चार्ज बनता तो वो लगाना चाहिए था। सपा नेता ने कहा की सरकार किसानों को दबाना चाहती है चाहे वो राकेश टिकैत वाला मामला हो या फिर संदीप का। क्योंकि संदीप ने किसानों की आवाज़ उठायी थी और किसानों के बकाया गन्ना मूल्य भुगतान को लेकर थानाभवन शुगर मिल पर धरना दिया था जिसमे शुगर मिल ने किसानों का 30 अप्रैल तक 45 करोड़ रुपए का भुगतान करेने का दावा किया था लेकिन मात्र 18 करोड़ रुपए का भुगतान किया। संदीप ने तीन दिन पहले दोबारा शुगर मिल को फोन किया की आपने भुगतान नहीं किया हम दोबारा से मिल पर ताला मारेंगे तो उसका परिणाम ये हुआ की उसे जेल भेज दिया गया।