FREE FIRE गेम खेलते हुई ठगी तो खुद ही रूपए वसूलने निकला 10वीं का छात्र, अपहरण की फैली अफवाह तो...
punjabkesari.in Friday, Nov 12, 2021 - 01:14 PM (IST)

बरेली: ऑनलाइन गेम की मार अब बच्चों के साथ-साथ माता-पिता पर भी पड़ रही है। जिसकी ताजा उदाहरण बरेली में देखने को मिली है, जहां एक किशोर ‘फ्री फायर’ गेम का अकाउंट बनवाने के एवज में 30 हजार रुपये की ठगी का शिकार हो गया। जिसके बाद वह बिना बताए पैसे वापस वसूलने के लिए बिहार के वैशाली जिले में हाजीपुर के लिए रवाना हो गया। वहीं किशोर के लापता होने पर परिवार ने पुलिस थाने में किशोर के अगवा होने की जानकारी दी। जिसके बाद किशोर को जीआरपी ने वेंडर की मदद से किशोर को ट्रेन से बरामद कर लिया।
जानिए क्या है मामला?
इस बारे में जीआरपी के प्रभारी उप निरीक्षक टीकम सिंह ने बताया कि मुरादाबाद जीआरपी पुलिस अधीक्षक अपर्णा गुप्ता से सूचना मिली कि पंजाब के बठिंडा निवासी प्रीतम का बेटा जैसनप्रीत को अगवा कर अवध असम एक्सप्रेस से कहीं ले जाने की सूचना मिली है। इसके साथ ही प्रीतम की फोटो व आधार कार्ड भी बठिंडा से भेजा गया। मामला गंभीर देखते हुए जीआरपी और आरपीएफ ने प्लेटफार्म-एक व दो पर वेंडर, अन्य रेलवे कर्मी आदि लोगों को फोटो व पहचान पत्र भेजकर घेराबंदी की गई।
उन्होंने बताया कि अवध असम एक्सप्रेस का जंक्शन पर ठहराव पांच मिनट है। ऐसे में सर्च अभियान के लिए जीआरपी ने स्टेशन अधीक्षक को मामले की जानकारी दी। ट्रेन करीब डेढ़ बजे प्लेटफार्म एक टीम पर पहुंची। वेंडर राम गोपाल व संतोष ने एस-6 कोच में बैठे युवक की फोटो व आइडी से मिलान किया। इसके बाद जीआरपी को सूचना दी। जिसके बाद जीआरपी के ज्ञानेंद्र कुमार सिंह, मो. कामिल पाशा, हरगोविंद, भुवनेश, तौकीर अली, शशिकुमार, आरपीएफ के उपनिरीक्षक रविंद्र कुमार ने कोच की घेराबंदी कर किशोर को बरामद किया।
फ्री फायर खेलते समय हुई किसी से दोस्ती, फिर हुआ फ्रॉड
वहीं जब जीआरपी ने किशोर से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि उसका अपहरण नहीं हुआ बल्कि आनलाइन मोबाइल गेम फ्री फायर खेलते समय उसकी दोस्ती साहिल नाम के एक युवक से हुई थी, उसने खुद को बिहार के वैशाली जिले में हाजीपुर का रहने वाला बताया था। उसने गेम की आइडी देने के नाम पर उससे 15-15 हजार रुपये कर दो बार में कुल 30 हजार रुपये लिए थे। भुगतान उसने पिता के पेटीएम से किया था। रुपये मिलने के बाद साहिल ने उसे गेम में ब्लाक कर दिया। घर वालों को जानकारी हो इससे पहले वह हाजीपुर उससे रुपये लेने के लिए घर से निकला था। ट्रेन में बैठते ही उसने अपना मोबाइल स्विच आफ कर दिया।
किशोर ने आगे बताया कि वह कक्षा 10 का छात्र है। पढ़ाई के नाम पर उसने पिता से मोबाइल लिया था, लेकिन पढ़ाई करने की बजाय वह मोबाइल में आनलाइन गेम खेलता रहा। वह दो माह से यह आनलाइन गेम खेल रहा था। फ्री फायर गेम में आनलाइन बने दोस्त साहिल ने जैसनप्रीत को गेम की आइडी व अत्याधुनिक हथियार, महंगे कपड़े आदि देने के नाम पर रकम ली थी। ये कपड़े और हथियार गेम खेलने वाले लोगों को उस कैरेक्टर के लिए लेने होते हैं।
टीटीई ने किशोर 1000 रुपए लिया जुर्माना, 700 रुपए की दी रसीद
इतना ही नहीं जैसनप्रीत ने ये भी बताया कि घर से वह बिना बताए 1200 रुपये व एक बैग में मोबाइल चार्जिंग के लिए पावर बैंक, हैंड फ्री व मोबाइल चार्जर लेकर शाम 7 बजे निकला था। बुल्लुवाना से वह बठिंडा जनरल टिकट लेकर पहुंचा। जहां रात 2 बजे वह बिना टिकट लिए 05910 अवध असम स्पेशल में बैठ गया। जैसनप्रीत ने बताया कि रास्ते में मिले टीटीई ने उससे जुर्माने के नाम पर एक हजार रुपये लिए, जबकि रसीद केवल 700 रुपये की दी।