क्या उपचुनाव में हार का सिलसिला रोक पाएंगी मायावती या हरियाणा विधानसभा चुनाव की तरह धराशाई हो जाएगा हाथी

punjabkesari.in Sunday, Nov 10, 2024 - 05:13 PM (IST)

लखनऊ: दलित-शोषित और वंचित समाज के सहारे उत्तर प्रदेश में चार बार सरकार बनाने वाली बसपा प्रमुख मायावती के उपचुनाव में खोने के लिए कुछ नहीं बचा है। क्योंकि हाल ही में हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में बसपा को लोकसभा की तरह एक सीट भी नसीब नहीं हुए। ऐसे में उपचुनाव को लेकर पार्टी नई रणनीति के साथ यूपी विधानसभा चुनाव में उतरने की तैयारी कर रही है। यूपी चुनाव में वर्चुअल प्रचार पर बीएसपी फोकस करने जा रही है। बीएसपी सुप्रीमो मायावती और आकाश आनंद का वीडियो भाषण छोटी-छोटी जनसभाओं में सुनाए जाने की तैयारी कर रही है।

पार्टी सूत्रों की मानें तो दलित बस्तियों में खास तौर पर अभियान चला कर लोगों को जोड़ने की तैयारी में है। क्योंकि बसपा का दलित वोट अब पार्टी से खिसक रहा है। 2012 के बाद से लगातार यूपी में बीएसपी का वोट प्रतिशत गिर रहा है। बसपा के वोट प्रतिशत की बात करें तो 2017 में 19 सीटों जीत दर्ज की थी जिसमें पार्टी को 22.23% वोट मिले थे। 2019 लोकसभा चुनाव में 10 सीटों के साथ 19.43% वोट। 2022 विधानसभा चुनाव में एक सीट के साथ 12.88 प्रतिशत वोट मिला। 2024 के लोकसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं जीती वोट प्रतिशत 9.35 प्रतिशत रहा। अब देखना है कि पार्टी उपचुनाव में पार्टी 9 सीटों में किसी पर जीत दर्ज कर पार्टी है या फिर हरियाणा विधानसभा चुनाव की तरह जीरो पर ही सिमट जाती है।

जानकारों की मानना है कि पार्टी उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा उप चुनाव में एक भी सीट जीत लेती है तो उसे आने वाले विधानसभा चुनाव 2027 के लिए एक उम्मीद की किरण होगी। और आकाश आनंद की उत्तर प्रदेश की राजनीति में बड़ी बीएससी के लिए बड़ी एन्ट्री मानी जाएगी। फिलहाल ये तो समय ही बताएगा कि उपचुनाव में बसपा को फायदा होगा या नुकसान। 


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Content Writer

Ramkesh

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