NHRC की राडार पर योगी सरकार, 9 महीने में जारी किए 9 नोटिस

punjabkesari.in Friday, Jan 05, 2018 - 08:04 AM (IST)

लखनऊ: मानवाधिकार उल्लंघन के मामले में 9 महीने की योगी सरकार राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एन.एच.आर.सी.) के राडार पर आती दिख रही है। आयोग ने अभी तक 9 मामलों में मानवाधिकार को लेकर सवाल उठाए हैं। इनमें से अधिकतर मामलों में सीधे प्रदेश के मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया है। जानकार कहते हैं कि सरकार आयोग के नोटिसों को गंभीरता से नहीं लेती। बस निलंबन और जांच कमेटी बिठाने की कार्रवाई दिखाकर खानापूर्ति कर देती है। सरकार को इस पर गंभीर विचार करने की जरूरत है क्योंकि मानवाधिकार आयोग के नोटिस कहीं न कहीं बेहतर समाज बनाने की कोशिश है।

मामले में उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष और समाजवादी पार्टी की प्रवक्ता जूही सिंह मानवाधिकार आयोग की नोटिसों को गंभीरता से लिए जाने की बात कहती हैं। वह कहती हैं कि अमूमन यही होता है कि नोटिस आने के बाद छोटे कर्मचारी आदि को निलंबित कर दिया जाता है। वहीं पूरे प्रकरण की जांच के लिए कमेटी आदि गठित कर दी जाती है। इसके बाद पूरा मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है।

कब और क्यों जारी किए नोटिस

10 अप्रैल 2017
एन.एच.आर.सी. ने गौतमबुद्धनगर के डी.एम. और एस.पी. को नोटिस भेजा। आरोप था कि पुलिस ने ग्रेटर नोएडा में एन.एस.जी. सोसाइटी में जांच के नाम पर झूठे आरोप में अफ्रीकी नागरिकों का उत्पीडऩ किया।

14 अगस्त 2017
गोरखपुर के बी.आर.डी. मैडीकल कॉलेज में कई बच्चों की मौत मामले में एन.एच.आर.सी. ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया। नोटिस में आयोग ने मुख्य सचिव से मामले की डिटेल रिपोर्ट देने के साथ ही क्या-क्या उपाय किए गए, की भी जानकारी मांगी।

26 सितम्बर 2017
बी.एच.यू. में छेड़छाड़ के मामले में एन.एच.आर.सी. ने स्वत: संज्ञान लेते हुए यू.पी. के मुख्य सचिव,डी.जी.पी., बी.एच.यू. के वी.सी. को नोटिस जारी किया और उनसे डिटेल रिपोर्ट तलब की।

5 अक्तूबर 2017
गौतमबुद्धनगर के ग्रेटर नोएडा में गैंगस्टर सुमित गुर्जर का एनकाऊंटर हुआ। मामले में यू.पी. पुलिस पर आरोप लगे कि ये एनकाऊंटर फर्जी था, सुमित की हत्या की गई है। इसके बाद मानवाधिकार आयोग ने यू.पी. के मुख्य सचिव और डी.जी.पी. को नोटिस जारी कर 4 हफ्ते में जवाब तलब किया।

2 नवम्बर 2017
एन.टी.पी.सी. के ऊंचाहार प्लांट में ब्वॉयलर फटा। इस दुर्घटना में कई लोगों की मौत हो गई व दर्जनों घायल हुए। मामले में मानवाधिकार आयोग ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया।

22 नवम्बर 2017
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अपराधियों के एनकाऊंटर पर दिए गए बयान पर सवाल उठाए। आयोग ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट में ऐसा लग रहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार कानून व्यवस्था में सुधार के लिए पुलिस से एनकाऊंटर में हत्याओं को बढ़ावा दे रही है।

14 दिसम्बर 2017
नोएडा के बाल सुधार गृह में अमानवीय उत्पीडऩ मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने स्वत: संज्ञान लिया। आयोग ने इस संबंध में डी.आई.जी. इन्वैस्टिगेशन की अगुवाई में एक टीम गठित करने का फैसला किया और मौके पर जाकर जांच कर आयोग के समक्ष रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया।

27 दिसम्बर 2017
उन्नाव के एक अस्पताल में टॉर्च की रोशनी में आंख के दर्जनों ऑप्रेशन करने का मामला सामने आया। मामले में आयोग ने स्वत: संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया। इसमें मुख्य सचिव से 6 बिंदुओं पर जवाब तलब किया गया। जिसमें ऑप्रेशन के बाद प्रत्येक व्यक्ति की आंख सही हुई या नहीं, उसकी जानकारी भी तलब की गई।

3 जनवरी 2018
बाराबंकी में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को वॉर्ड ब्वॉय के सहारे चलाने के मामले में आयोग ने स्वत: संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया। पता चला कि इस अस्पताल में वॉर्ड ब्वॉय डॉक्टर और फार्मासिस्ट दोनों का काम कर रहा है।