भ्रष्टाचार के प्रति योगी सरकार का ‘जीरो टॉलरेंस’ का दावा महज दिखावा, क्रशर हत्याकांड इसका प्रमाण: भाकपा
punjabkesari.in Wednesday, Sep 16, 2020 - 10:45 AM (IST)
लखनऊ: भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले) (CPI) ने कहा कि भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस (Zero Tolerance) का योगी सरकार (Yogi Government) का दावा महज दिखावा है। महोबा का क्रशर कारोबारी इंद्रमणि त्रिपाठी हत्याकांड इसका प्रमाण है।
पार्टी राज्य सचिव सुधाकर यादव ( Sudhakar Yadav) ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस योगी के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने के समय से सुना जा रहा है। फिर यह कैसे हुआ कि नौकरशाही के आला अधिकारी अवैध वसूली करने लगे और रकम न पहुंचने पर हत्या तक करवाने लगे। महोबा के क्रशर व्यापारी को नौकरशाही में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने की कीमत जान देकर चुकानी पड़ी।
उन्होंने कहा कि परिजनों के अनुसार इंद्रमणि ने महोबा के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक के भ्रष्टाचार के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार और आला अधिकारियों को पत्र लिखकर जानकारी दी थी और अपनी जान का खतरा बताया था। यदि वास्तव में भ्रष्टाचार के प्रति सरकार में जीरो टॉलरेंस होता, तो कारोबारी के पत्र पर कारर्वाई होती और उनकी जान बच जाती। माले राज्य सचिव ने कहा कि भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस वाली सरकार में कोरोना घोटाला हो गया।
महामारी से बचाव के नाम पर सुरक्षा के आम उपकरण, जैसे कि इंफ्रारेड थर्मोमीटर, पल्स ऑक्सी मीटर आदि जिला प्रशासन द्वारा सामान्य बाजार कीमत से कई-कई गुने पर खरीदे गए और इस तरह सरकारी खजाने की लूट की गई। माले नेता ने भ्रष्टाचार के इन सभी मामलों की सक्षम एजेंसी से स्वतंत्र जांच कराने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कारर्वाई की मांग की है।
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