योगी सरकार के जातीय रैलियों पर पाबंदी से NDA में फूट... संजय निषाद ने जताई नाराजगी, कहा- ‘PM मोदी को लिखेंगे पत्र''

punjabkesari.in Thursday, Sep 25, 2025 - 12:33 AM (IST)

Lucknow News: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जाति आधारित रैलियों और कार्यक्रमों पर लगाए गए प्रतिबंध को लेकर सियासी भूचाल आ गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस फैसले का विरोध अब सत्ता गठबंधन के भीतर से भी उठने लगा है।

'सरकार को जातियों के साथ खड़ा होना चाहिए'
कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय निषाद, जो निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं, ने स्पष्ट रूप से कहा कि जातीय कार्यक्रमों पर रोक लगाना संविधान विरोधी है और इससे सामाजिक जागरूकता को गहरी चोट पहुंचेगी। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि यह फैसला वापस नहीं लिया गया, तो वह इस मुद्दे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा नेतृत्व के समक्ष रखेंगे और सुप्रीम कोर्ट तक भी जा सकते हैं। कानपुर में एक जनसभा के दौरान डॉ. निषाद ने कहा, "सरकार को जातियों के साथ खड़ा होना चाहिए, वरना इसका राजनीतिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।" वहीं, इस मुद्दे पर विपक्ष ने भी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या ने फैसले को "तुगलकी फरमान" करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि इस आदेश का सहारा लेकर सरकार उन वर्गों को चुप कराना चाहती है, जो सदियों से शोषित और वंचित रहे हैं।

खुद एनडीए के सहयोगी ही सवाल खड़े कर रहे हैं
मौर्या ने कहा, "यह फैसला सिर्फ एक सिंगल बेंच के आदेश के आधार पर लिया गया है, जबकि सरकार इसे डबल बेंच या सुप्रीम कोर्ट तक ले जा सकती थी। यह साफ तौर पर न्यायिक आदेश का दुरुपयोग है।" उन्होंने आगे कहा कि जातियों के कार्यक्रमों पर रोक लगाना सामाजिक चेतना के खिलाफ है और सरकार इसे एक राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है ताकि वंचित वर्गों की आवाज दबाई जा सके। योगी सरकार द्वारा यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब जातीय जनगणना और आरक्षण जैसे मुद्दे राजनीतिक विमर्श के केंद्र में हैं। अब देखना यह है कि भाजपा नेतृत्व इस बढ़ते असंतोष को कैसे संभालता है, खासकर तब जब खुद एनडीए के सहयोगी ही सवाल खड़े कर रहे हैं।


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Content Editor

Mamta Yadav

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