मौलाना तौकीर रजा के करीबी आरिफ पर योगी सरकार का शिकंजा, दो शोरूम और 15 दुकानें सील, एक मामूली चायवाला कैसे बन गया अरबपति ?

punjabkesari.in Saturday, Oct 11, 2025 - 07:31 PM (IST)

बरेली (जावेद खान) : उत्तर प्रदेश के बरेली में उपद्रव के मास्टरमाइंड माने जा रहे मौलाना तौकीर रजा के करीबी मोहम्मद आरिफ पर प्रशासन का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। शनिवार को बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) और प्रशासन की संयुक्त टीम ने आरिफ की अवैध संपत्तियों पर बड़ी कार्रवाई की। टीम ने पीलीभीत बाईपास रोड स्थित आरिफ के कपड़ों के दो शोरूम और 15 दुकानों को सील कर दिया।

मौके पर भारी पुलिस बल तैनात 
बीडीए अधिकारियों के अनुसार, फहम लॉन के मालिक मोहम्मद आरिफ ने बिना स्वीकृत नक्शे के पूरे व्यावसायिक परिसर में जिम, होम डेकोर सेंटर और कपड़ों की दुकानें चला रखी थीं। जांच में निर्माण को अवैध पाए जाने पर बीडीए ने सीलिंग की कार्रवाई की। कार्रवाई के दौरान मौके पर भारी पुलिस बल तैनात रहा ताकि किसी भी तरह की अव्यवस्था न हो।

पहले भी हो चुकी कार्रवाई 
इससे पहले भी बीडीए टीम आरिफ की कई संपत्तियों पर कार्रवाई कर चुकी है। उसका फहम लॉन, स्काई लार्क होटल और फ्लोरा गार्डन बारातघर पहले ही अवैध निर्माण के चलते सील हो चुके हैं। अब प्रशासन फाइक एन्क्लेव निवासी फरहत के मकान और आरिफ के अन्य बारातघरों पर ध्वस्तीकरण की तैयारी में है। इस कार्रवाई में बीडीए के अजीत सिंह, तहसीलदार विदित कुमार और उनकी टीम मौजूद रही।

चायवाला के नाम से जाने जाते थे मोहम्मद आरिफ 
एक दशक पहले तक चायवाला के रूप में पहचाने जाने वाले मोहम्मद आरिफ का नाम अब अरबों की अवैध संपत्तियों से जुड़ा हुआ है। सूत्रों के अनुसार, आरिफ ने पहले छोटे स्तर पर चाय और कपड़ों का व्यापार शुरू किया था, लेकिन मौलाना तौकीर रजा से नजदीकी बढ़ने के बाद उसने रियल एस्टेट, बारातघर और होटल व्यवसाय में पैर पसारे। 

आरिफ ने धीरे-धीरे खड़ा किया सामराज्य 
आरिफ ने धीरे-धीरे फहम लॉन, फाइक एन्क्लेव कॉलोनी, स्काई लार्क होटल, और फ्लोरा गार्डन बारातघर जैसी कई संपत्तियां खड़ी कर लीं। जांच एजेंसियों के अनुसार, इनमें से ज्यादातर निर्माण बिना अनुमति और नक्शे के किए गए हैं। अब प्रशासन इन संपत्तियों की स्रोत जांच और धन के प्रवाह पर भी निगरानी कर रहा है।

स्थानीय सूत्र बताते हैं कि आरिफ ने पिछले कुछ वर्षों में कई राजनीतिक और धार्मिक आयोजनों में खुलकर धन खर्च किया, जिससे उसकी पहचान शहर के “पावर सर्कल” में मजबूत हुई।लेकिन अब प्रशासन के रडार पर आने के बाद उसकी एक-एक संपत्ति की जांच शुरू हो चुकी है।


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Content Editor

Purnima Singh

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