CM योगी ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर दी श्रद्धांजलि, कहा- उनके बलिदान को कभी नहीं भूलेगा देश

punjabkesari.in Thursday, Jun 23, 2022 - 12:09 PM (IST)

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी। इस दौरान उन्होंने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान को देश कभी नहीं भूल सकता है।  उन्होंने कांग्रेस की तुष्टिकरण की नीति के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई थी।उन्होंने स्पष्ट कहा था कि 'एक देश में दो प्रधान, दो विधान और दो निशान नहीं चलेंगे, और इसके लिए उन्होंने स्वयं को बलिदान किया।

 

बता दें कि 6 जुलाई 1901 को कलकत्ता के अत्यन्त प्रतिष्ठित परिवार में  श्यामाप्रसाद मुखर्जी जी का जन्म हुआ। उनके पिता सर आशुतोष मुखर्जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे एवं शिक्षाविद के रूप में विख्यात थे। डॉ॰ मुखर्जी ने 1917 में मैट्रिक किया तथा 1921 में बी०ए० की उपाधि प्राप्त की। 1923 में लॉ की उपाधि अर्जित करने के पश्चात् वे विदेश चले गये और 1926 में इंग्लैंड से बैरिस्टर बनकर स्वदेश लौटे। अपने पिता का अनुसरण करते हुए उन्होंने भी अल्पायु में ही विद्याध्ययन के क्षेत्र में उल्लेखनीय सफलताए अर्जित कर ली थीं। 33 वर्ष की अल्पायु में वे कलकत्ता विश्वविद्यालय के कुलपति बने। इस पद पर नियुक्ति पाने वाले वे सबसे कम आयु के कुलपति थे। एक विचारक तथा प्रखर शिक्षाविद् के रूप में उनकी उपलब्धि तथा ख्याति निरन्तर आगे बढ़ती गयी।

मुखर्जी जम्मू कश्मीर को भारत का पूर्ण और अभिन्न अंग बनाना चाहते थे। उस समय जम्मू कश्मीर का अलग झंडा और अलग संविधान था। वहां का मुख्यमंत्री (वजीरे-आज़म) अर्थात प्रधानमंत्री कहलाता था। संसद में अपने भाषण में  मुखर्जी ने धारा-370 को समाप्त करने की भी जोरदार वकालत की। अगस्त 1952 में जम्मू की विशाल रैली में उन्होंने अपना संकल्प व्यक्त किया था कि या तो मैं आपको भारतीय संविधान प्राप्त कराऊंगा या फिर इस उद्देश्य की पूर्ति के लिये अपना जीवन बलिदान कर दूँगा। उन्होंने तत्कालीन नेहरू सरकार को चुनौती दी तथा अपने दृढ़ निश्चय पर अटल रहे। अपने संकल्प को पूरा करने के लिये वे 1953 में बिना परमिट लिये जम्मू कश्मीर की यात्रा पर निकल पड़े। वहां पहुंचे ही उन्हें गिरफ्तार कर नजरबंद कर लिया गया था। 


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Content Writer

Ramkesh

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