चुनाव में जब्त करोड़ों रूपए कहां जाता है ? जानिए किसकी तिजोरी में जाती है रकम...ये हैं नियम
punjabkesari.in Monday, Oct 13, 2025 - 05:32 PM (IST)
यूपी डेस्क: देश के अलग-अलग राज्यों में चुनाव होते रहते हैं। वर्तमान में बिहार में विधान सभा का चुनाव सिर पर है। अक्सर आपने सुना होगा कि चुनाव में अधिकारियों के द्वारा कैश जब्द की जाति है। किसी-किसी छापेमारी या चेकिंग में करोड़ों तक का कैश बरामद किया जाता है। क्या आप जानते हैं कि इन राशियों का क्या होता है, इन राशियों का कहा जमा किया जाता है ?
आपको बता दें कि बिहार में विधानसभा का चुनाव 6 और 11 नवंबर को संपन्न होने वाला है। वहीं, बिहार में आचार संहिता लागू कर दिया गया है। जिसके मुताबिक 50,000 रुपये से ज्यादा कैश ले जाना अपराध है। अगर तय लिमिट से ज्यादा कैश के साथ पकड़े जाते है तो उसे जब्त कर ट्रेजरी में जमा कर दिया जाएगा।
50 हजार से ज्यादा कैश नहीं रखना है
चुनाव में आचार संहिता लागू होने के बाद से इलेक्शन कमीशन की फ्लाइंग स्क्वाइड टीम, निगरानी दल और पुलिस मिलकर संदिग्ध कैश की चेक करती है। अगर कोई शख्स बिना किसी दस्तावेज या सबूत के 50, 000 रुपये के साथ कैश लिए पकड़ा जाता है तो उसे तुरंत जब्त किया जाता है और सील कर रिटर्निंग अफसर को देते है। यह एक्शन जनप्रतिनिधित्व लॉ 1951 के तहत होता है
जब्त किए हुए पैसे कहा जाते हैं ?
आचार संहिता के दौरान बिना सबूत अगर किसी के पास 50 हजार अधिक की राशि पाई जाती है तो उसे सबसे पहले लोकल ट्रेजरी में भेजा जाता है। अगर 10 लाख से ज्यादा से रकम होती है, तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को बुलाया जाता है। अगर मालिक इस पर दावा करता है, तो फिर कोर्ट में साबित करने पर वापस कर दिया जाता है या सरकारी खजाने में जाता है।
जब्त हुए पैसे कब मिलते हैं ?
आपको बता दें कि जो चुनाव के दौरान राशि अधिकारियों के दौरान रद्द किया जाता है तो उस व्यक्ति को उन राशि को पाने के लिए 30 दिनों के अंदर ही आवेदन देने होते हैं। जिसके लिए बैंक स्टेटमेंट, निकसी स्लिप या इस्तेमाल रकम का प्रुफ दिखाना अहम होता है. अगर सोर्स सही साबित हुए, तो रकम वापस कर दी जाती है।

