बिजली दरों में बढ़ौतरी के खिलाफ गरजे किसान

punjabkesari.in Saturday, Dec 16, 2017 - 06:26 PM (IST)

बेहटः जिले के तहसील परिसर में आहूत भाकियू की पंचायत में विभिन्न मुद्दों को लेकर चर्चा किए जाने के साथ ही मुख्यमंत्री को संबोधित 7 सूत्रीय ज्ञापन एस.डी.एम. को सौंपा गया।

जिलाध्यक्ष चौधरी चरण सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बिजली की दरों में की गई 50 से 100 प्रतिशत की वृद्धि से किसान एवं मजदूर की कमर टूट जाएगी। किसी भी वस्तु का रेट थोक मूल्य सूचकांक या महंगाई दर के आधार पर तय किया जाता है। किसानों की फसलों के मूल्य में महंगाई दर से भी कम वृद्धि की जाती है, जिसका उदाहरण हाल ही में गन्ना, धान व गेहूं के दामों में की गई वृद्धि है।

बिजली की दरों में 50 प्रतिशत वृद्धि से किसानों की लागत में भारी वृद्धि होगी और किसानों की कमर टूट जाएगी। उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों में सरकार किसानों को बिना बिल की बिजली उपलब्ध करवाती है, जिससे किसानों पर अधिक भार न पड़े। तहसील अध्यक्ष घनश्याम राणा ने कहा कि प्रदेश सरकार की इस बिल वृद्धि से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। किसानों पर कर्ज का भार बढ़ेगा। पंचायत के बाद भाकियू कार्यकर्ताओं द्वारा मुख्यमंत्री को संबोधित 7 सूत्रीय ज्ञापन एस.डी.एम. को सौंपा गया।

ज्ञापन में बिजली दरों में की गई वृद्धि को अविलम्ब वापस लिए जाने, एन.जी.टी. के पुराने वाहनों पर आदेश से ट्रैक्टर को मुक्त कराए जाने, सभी तरह के वाहनों की समय सीमा 15 वर्ष किए जाने, भाजपा के घोषणा पत्र के अनुसार किसानों की फसल लागत मूल्य से 50 प्रतिशत जोड़कर न्यूनतम समर्थन मूल्य देने का फार्मूला लागू किए जाने, फसलों के न्यूनतम मूल्य से नीचे की खरीद को अपराध माने जाने, फलों, सब्जियों एवं दूध को न्यूनतम समर्थन मूल्य के अधीन लाए जाने आदि की मौजूदगी रही।
 


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