रेप के आरोप में 1653 दिन निर्दोष ने काटी जेल, अब लड़की निकली गलत...कोर्ट ने सुनाई ऐसी सजा कि बन गई नजीर
punjabkesari.in Wednesday, May 08, 2024 - 02:06 PM (IST)
बरेली: अक्सर सुनने में आता है कि जीत हमेशा सत्य की ही होती है, यूपी के बरेली से एक ऐसी खबर आई है जो झूठे मुकदमों में फंसे निर्दोष युवकों के लिए नजीर बन सकती है। जहां एक युवक को अजय उर्फ राघव को रेप के झूठे आरोप में सवा 4 साल से सजा काटनी पड़ी। युवक ने पीड़ा बर्दाश्त की, इंतजार किया...आखिरकार जीत सत्य की हुई। युवती का झूठ ज्यादा दिन टिक नहीं सका, वह अपने ही बयानों में ऐसी उलझी कि सच सामने आ गया। दुष्कर्म मामले में युवती अपने बयान से मुकर गई। जिसके बाद अदालत ने दुष्कर्म मामले में बयान से मुकरने वाली युवती को उतने ही दिन जेल में रहने की सजा सुनाई है जितने दिन तक आरोपी युवक कैद में रहा। साथ ही उस पर पांच लाख 88 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है जो निर्दोष को बतौर मुआवजा दिया जाएगा।
लड़की ने युवक पर लगाया था रेप का झूठा आरोप
कोर्ट ने सजा सुनाते हुए कड़ी टिप्पणी की है। अदालत ने कहा कि दुष्कर्म जैसे जघन्य अपराध में फंसाने के लिए युवती ने सुरक्षा के लिए बनाए गए कानून का दुरुपयोग किया। इस कानून के तहत आरोपी को आजीवन कारावास तक की सजा मिल सकती थी। दरअसल, बरेली के बारादरी थाना इलाके की रहने वाली एक महिला ने 2 दिसंबर 2019 में बारादरी थाने में एक एफआईआर दर्ज कराकर आरोप लगाया कि अजय उर्फ राघव उसकी 15 साल की नाबालिक बेटी को बहला फुसलाकर दिल्ली ले जाया गया है, जहां नशीला पदार्थ खिलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपी को जेल भेज दिया था और मामला कोर्ट में विचाराधीन था।
कोर्ट ने झूठे बयान देने वाली लड़की को दी सजा
कोर्ट में विचाराधीन के दौरान आरोपी अजय उर्फ राघव 1653 दिन जेल में बंद रहा। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सुनील पांडे ने बताया कि अदालत में सुनवाई के दौरान पीड़ित लड़की ने पहले जो अपने 164 के बयान दिए थे। उसमें अजय उर्फ राघव पर नशे की हालत में दिल्ली ले जाना और उसके बाद दुष्कर्म का आरोप लगाया था। लेकिन जब मामले में सुनवाई चली। उस दौरान 8 फरवरी 2024 को पीड़िता अपने पहले दिए गए अदालत में बयानों से पलटते हुए खुद ही उन्हें झूठा बता दिया। जिसे गंभीरता से लेते हुए अदालत ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा कि जितने दिन एक निर्दोष जेल में रहा उतने ही दिन झूठे बयान देने वाली महिला को सजा मिलेगी।
आरोपी को अदालत ने किया बाइज्जत बरी
लड़की ने बताया कि उसने अपनी मां के दबाव में आकर अजय पर झूठा आरोप लगाया था। अजय की उसकी बहन के साथ निकटता थी जो मां को पसंद नहीं था। लड़की की अब शादी हो चुकी है। उसके पति ने कोर्ट को बताया कि वह ट्रायल के चलते तंग आ चुका है। इसलिए उसकी पत्नी बयान बदलना चाहती है। इतना ही नहीं लड़की ने अदालत में बयान दिया कि आरोपी अजय उर्फ राघव ने उसके साथ कोई घटना नहीं की ना ही उसे वह दिल्ली ले गया। इसके बाद तत्कालीन न्यायाधीश ने झूठे बयान देने के मामले में लड़की को ही अदालत ने जेल भेज दिया। जिसके कुछ दिनों बाद वह जमानत पर छूट गई। दूसरी तरफ आरोपी अजय उर्फ राघव को भी अदालत ने बाइज्जत बरी कर दिया।
ये मामला उन महिलाओं के लिए नजीर, जो पुरुषों से वसूली के लिए झूठे मुकदमे लिखाती हैं- कोर्ट
वहीं इस फैसले पर अपर सत्र न्यायाधीश ज्ञानेंद्र त्रिपाठी की अदालत ने कहा कि यह समाज के लिए बेहद गंभीर स्थिति है। अपने मकसद की पूर्ति के लिए पुलिस व कोर्ट को माध्यम बनाना आपत्तिजनक है। अनुचित लाभ के लिए महिलाओं को पुरुषों के हितों पर आघात करने की छूट नहीं दी जा सकती। यह मुकदमा उन महिलाओं के लिए नजीर बनेगा, जो पुरुषों से वसूली के लिए झूठे मुकदमे लिखाती हैं। अदालत ने युवती पर अर्थदंड भी लगाया है, जो न्यूनतम पारिश्रमिक दर के आधार पर तय किया गया।