UP News: गांव में नया बदलाव, मुखिया ने किया ऐसा काम कि IAS-PCS वाले गांव में हर तरफ हो रही है सराहना
punjabkesari.in Saturday, Feb 15, 2025 - 01:24 PM (IST)
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Chitrakoot News: आमतौर पर लाइब्रेरी खोलने की पहल बड़े शहरों में ही देखने को मिलती है, लेकिन अब गांव भी शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से कदम बढ़ा रहे हैं। चित्रकूट जिले के रैपुरा गांव में पहली बार ऐसा हुआ है, जब गांव के प्रधान ने बच्चों के लिए खुद लाइब्रेरी बनवाने की पहल की। अब रैपुरा गांव के बच्चे बिना किसी शुल्क के लाइब्रेरी में बैठकर अपनी पढ़ाई कर सकते हैं।
प्रधान जगदीश पटेल की पहल
रैपुरा गांव के प्रधान जगदीश पटेल ने गांव में एक लाइब्रेरी बनवाकर पूरे जिले के लिए मिसाल पेश की है। इस लाइब्रेरी में बच्चों के लिए जरूरी किताबें रखवाई गई हैं और साथ ही डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए वाई-फाई की सुविधा भी प्रदान की गई है, ताकि बच्चे इंटरनेट के माध्यम से भी अपनी पढ़ाई कर सकें। यह लाइब्रेरी उस गांव में बनाई गई है, जिसे जिले में "आईएएस-पीसीएस वाला गांव" कहा जाता है, क्योंकि यहां के कई लोग सरकारी नौकरियों में उच्च पदों पर काम करते हैं। ऐसे में यह लाइब्रेरी गांव के युवाओं के लिए एक बड़ा अवसर साबित हो सकती है।
मुखिया का उद्देश्य
प्रधान जगदीश पटेल ने एक निजी न्यूज चैनल से बातचीत में बताया कि एक दिन उनके मन में यह विचार आया कि क्यों न गांव के बच्चों और युवाओं के लिए ऐसी व्यवस्था बनाई जाए, जिससे उनका भविष्य उज्जवल हो सके। इसी सोच के तहत उन्होंने गांव में लाइब्रेरी बनाने का निर्णय लिया, ताकि बच्चों को पढ़ाई के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं मिल सकें। उन्होंने यह भी बताया कि इस लाइब्रेरी में पढ़ने के लिए किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता है।
गांव के IAS-PCS अफसरों का योगदान
गांव के आईएएस और पीसीएस अफसरों के परिवारों ने भी इस पहल में बढ़-चढ़कर योगदान दिया है। वे अपनी पुरानी किताबें लाइब्रेरी में दान कर रहे हैं, ताकि यहां पढ़ाई करने वाले बच्चों को अधिक किताबें मिल सकें और उनकी पढ़ाई में मदद हो सके।
युवाओं को मिल रहा है बड़ा लाभ
लाइब्रेरी में पढ़ाई कर रहे गांव के बच्चों ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि उन्हें कभी नहीं सोचा था कि उनके गांव में भी एक अच्छी लाइब्रेरी होगी, जहां वे बैठकर पढ़ाई कर सकेंगे। प्रधान जी की इस पहल ने उनकी उम्मीदों को नई उड़ान दी है। एक छात्र ने कहा, “हम गरीब परिवार से आते हैं, लेकिन प्रधान जी की इस पहल से अब हमें शहरों की लाइब्रेरी पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। अब हमें अपनी पढ़ाई के लिए यहां हर सुविधा मिल रही है।
गांव में शिक्षा का बड़ा बदलाव
रैपुरा गांव में यह लाइब्रेरी शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव ला सकती है। इस पहल से न केवल गांव की शिक्षा व्यवस्था को फायदा होगा, बल्कि यह अन्य गांवों के लिए भी एक प्रेरणा बनेगी। ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का स्तर ऊंचा उठाने के लिए यह पहल एक क्रांतिकारी कदम साबित हो सकती है।