नोएडा: ट्विन टावर के मालिक के पास 34 कंपनियां, अरबों का टर्न ओवर...जानिए कैसे खड़ी हुई इमारत
punjabkesari.in Sunday, Aug 28, 2022 - 12:21 PM (IST)

नोएडा: सेक्टर 93A में बने 32 मंजिला और 103 मीटर ऊंचाई वाले ट्विन टावर का ध्वस्त होने का काउंटडाउन शुरू हो चुका है। यह टावर जमींदोज होने में महज कुछ ही घंटे बटे हुए है। यहां आसपास की सोसायटियों में अभी भी पिलर्स को मजबूत करने का काम किया जा रहा है। आज दोपहर ठीक 2.30 बजे इस ट्विन टावर को महज 12 सेकेंड के अंदर जमींदोज कर दिया जाएगा। बता दें कि ट्विन टावर गिरने के बाद बड़ी मात्रा में धूल पैदा करेंगे, जो दिल्ली-एनसीआर के वायु प्रदूषण में इजाफा कर सकते हैं। वहीं, स्थानीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जुड़े अधिकारी ने रविवार सुबह से ही मोर्चा संभाल लिया है। अधिकारियों का कहना है कि टावर ध्वस्तीकरण के बाद पांच दिन तक माप यंत्र के जरिये एक्यूआइ की मानिटरिंग की जाएगी। टावर ढहने के तुरंत बाद मलबे को हटाने का काम शुरू हो जाएगा, जिससे हवा के साथ धूल के कण वायु प्रदूषण में इजाफा नहीं कर सकें।|
कौन है ट्विन टावर का मालिक?
ये ट्विन टावर सुपरटेक कंपनी ने बनाया था। सुपरटेक कंपनी के मालिक का नाम आरके अरोड़ा है। आरके अरोड़ा ने 34 कंपनियां खड़ी की हैं। ये कंपनियां सिविल एविएशन, कंसलटेंसी, ब्रोकिंग, प्रिंटिंग, फिल्म्स, हाउसिंग फाइनेंस, कंस्ट्रक्शन तक के काम करती हैं। यही नहीं, मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो आरके अरोड़ा ने तो कब्रगाह बनाने तक की कंपनी भी खोली है।
कैसे अरोड़ा ने शुरू की कंपनी?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आरके अरोड़ा ने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर सात दिसंबर 1995 को इस कंपनी की शुरुआत की थी। कंपनी ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना विकास प्राधिकरण क्षेत्र, मेरठ, दिल्ली-एनसीआर समेत देशभर के करीब 12 शहरों में रियल स्टेट के प्रोजेक्ट लॉन्च किए। देखते ही देखते अरोड़ा ने रियल स्टेट में अपना नाम बना लिया। इसके बाद अरोड़ा ने एक के बाद एक 34 कंपनियां खोलीं। ये सभी अलग-अलग कामों के लिए थीं। सुपरटेक लिमिटेड शुरू करने के चार साल बाद 1999 में उनकी पत्नी संगीता अरोड़ा ने सुपरटेक बिल्डर्स एंड प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड नाम से कंपनी खोली थी। इसके अलावा आरके अरोड़ा ने अपने बेटे मोहित अरोड़ा के साथ मिलकर पॉवर जेनरेशन, डिस्ट्रीब्यूशन और बिलिंग सेक्टर में भी काम शुरू किया। इसके लिए सुपरटेक एनर्जी एंड पॉवर प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी बनाई।
32 मंजिल की इमारत खड़ी कैसे हो गई?
कहानी 23 नंवबर 2004 से शुरू होती है। जब नोएडा अथॉरिटी ने सेक्टर-93ए स्थित प्लॉट नंबर-4 को एमराल्ड कोर्ट के लिए आवंटित किया। आवंटन के साथ ग्राउंड फ्लोर समेत 9 मंजिल तक मकान बनाने की अनुमति मिली। दो साल बाद 29 दिसंबर 2006 को अनुमति में संशोधन कर दिया गया। नोएडा अथॉरिटी ने संसोधन करके सुपरटेक को नौ की जगह 11 मंजिल तक फ्लैट बनाने की अनुमति दे दी। इसके बाद अथॉरिटी ने टावर बनने की संख्या में भी इजाफा कर दिया। पहले 14 टावर बनने थे, जिन्हें बढ़ाकर पहले 15 फिर इन्हें 16 कर दिया गया। 2009 में इसमें फिर से इजाफा किया गया। 26 नवंबर 2009 को नोएडा अथॉरिटी ने फिर से 17 टावर बनाने का नक्शा पास कर दिया।