सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के वीडियो देखकर घर से भागा बालक, पिता ने बताई हैरान करने वाली वजह
punjabkesari.in Tuesday, Feb 18, 2025 - 07:35 AM (IST)

UP Desk: मध्य प्रदेश के खंडवा रेलवे पुलिस ने एक नाबालिग को संदेह के आधार पर पकड़ा और पूछताछ करने पर चौंकाने वाला मामला सामने आया। यह बालक उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव से इतना प्रभावित था कि उनसे मिलने के लिए वह घर से भाग खड़ा हुआ। ट्रेन में बिना टिकट यात्रा कर रहे इस बालक की स्थिति को समझते हुए रेलवे पुलिस ने उसके पिता को सूचित किया और उसे सुरक्षित वापस भेजा।
जानिए, क्या है पूरा मामला?
खंडवा रेलवे सुरक्षा बल के अनुसार, बीती रात मुंबई से लखनऊ जाने वाली ट्रेन में एक नाबालिग बालक अकेला और बिना टिकट यात्रा करता हुआ पकड़ा गया। जब उसकी संदेहास्पद स्थिति पर पूछताछ की गई, तो पता चला कि वह बिना बताए मुंबई से लखनऊ जा रहा था। बालक सोशल मीडिया पर राजनेताओं के वीडियो देखा करता था, खासकर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के। उसे अखिलेश यादव से मिलने और उनके जैसा नेता बनने का सपना था।
अखिलेश यादव से मिलने की थी उम्मीद
रेलवे पुलिस ने बालक की मानसिक स्थिति को समझते हुए उसे खंडवा रेलवे स्टेशन पर उतारा और बाल कल्याण समिति को सौंप दिया। बाल कल्याण समिति ने बालक के पिता को सूचित किया और फिर उसे सुरक्षित उनके हवाले कर दिया। बालक के पिता, जो मुंबई में कारपेंटर का काम करते हैं, ने समिति से कहा कि उनका बेटा नेताओं से बहुत प्रभावित है और नेता बनने का सपना देखता है। खासतौर पर वह अखिलेश यादव से ज्यादा प्रभावित था और उनके वीडियो सोशल मीडिया पर देखा करता था।
समिति के सदस्यों ने बालक को समझाया
पिता ने बताया कि यह पहली बार नहीं था जब उनका बेटा घर से भागा हो। इससे पहले भी वह एक बार घर से भाग चुका था। बाल कल्याण समिति के सदस्यों ने बालक को समझाया और उसे उसकी सुरक्षा के लिए उसके पिता को सौंप दिया।
सोशल मीडिया का प्रभाव
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष प्रवीण शर्मा ने बताया कि बच्चा सोशल मीडिया से अत्यधिक प्रभावित था और पेरेंट्स को इस पर ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया का प्रभाव बच्चों पर इतना बढ़ सकता है कि वे बिना सोच समझे गलत कदम उठा सकते हैं। कई बच्चे रातों-रात प्रसिद्ध होने का सपना देखते हैं, जो उनके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इस घटना से यह साफ है कि बच्चों पर सोशल मीडिया का असर बहुत ज्यादा होता है, और परिजनों को इस पर नजर रखने की जरूरत है।