श्मशान की 15 बीघा जमीन पर बने मकानों पर चला बुलडोजर, पीड़ितों ने उठाए सवाल, कहा- 1990 में दर्ज की गई थी आबादी की भूमि

punjabkesari.in Monday, Nov 10, 2025 - 05:41 PM (IST)

शाहजहांपुर: जिले में प्रशासन ने कथित मरघट की जमीन पर बने लगभग 40 से अधिक मकान पर सोमवार को बुलडोजर चलाकर तोड़ने का काम शुरू कर दिया। हालांकि प्रशासन ने इस जमीन को अभिलेखों में आबादी की भूमि के तौर पर दर्ज कर दिया था और पट्टे भी जारी किए गए थे। अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) रजनीश कुमार मिश्रा ने बताया कि जलालाबाद थाना क्षेत्र के रोली बोली गांव में लगभग 15 बीघा जमीन मरघट (श्मशान) की है और इसी जमीन को खाली करने के लिए जलालाबाद तहसीलदार की अदालत ने लगभग 43 घरों पर बेदखली की कार्रवाई की है।

कब्जा करने वालों को प्रशासन ने भेजा था नोटिस
उन्होंने बताया कि इस संबंध में कथित अतिक्रमण करके कब्जा करने वालों को पूर्व में कई बार सूचित भी किया गया था और जब भवन स्वामियों ने अपना कब्जा नहीं हटाया तो मजबूरन पुलिस बल के साथ प्रशासनिक अधिकारियों की देखरेख में बुलडोजरों से आवासीय निर्माण को ध्वस्त करना शुरू किया गया है। सूत्रों के मुताबिक, जमीन को खाली करने की मांग यहां के एक हिंदू संगठन द्वारा की जा रही थी, जिसके बाद प्रशासन ने मरघट की जमीन पर बने मकानों को चिन्हित करते हुए निशान लगा दिए और गांव में अपना 'अवैध' निर्माण हटाने का ऐलान भी कराया गया था।

प्रभावित लोग बुलडोजर कार्रवाई पर उठा रहे सवाल
मिश्रा ने बताया कि अतिक्रमण हटाने के लिए आज से यह कार्रवाई शुरू की गई है जिसमें तीन उप जिलाधिकारी, एक उप जिलाधिकारी (न्यायिक), तीन पुलिस क्षेत्राधिकारी तथा 10 थानों के प्रभारी एवं पुलिस तथा पीएसी बल को बड़ी संख्या में तैनात किया गया है। इसके अलावा अग्निशमन दल की गाड़ी तथा एंबुलेंस को भी मौके पर बुलाया गया है। हालांकि प्रभावित लोगों ने प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल उठाये हैं। इसी ग्राम पंचायत के रहने वाले जिला पंचायत सदस्य के पति तसव्वुर अली ने बताया कि रोली बोली गांव में ठाकुर बिरादरी के एक व्यक्ति ने काफी समय पहले मरघट के लिए जमीन दान में दी थी, मगर यहां कभी अंतिम संस्कार नहीं हुआ।

प्रशासन ने अपने ही आदेश को किया निरस्त
उन्होंने कहा कि तब इसी जमीन को 1990 में आबादी की भूमि के तौर पर दर्ज कर लिया गया और बाद में कुछ लोगों को प्रशासन ने इसी जमीन पर पट्टा जारी किया और एक सरकारी स्कूल भी बनवाया गया। अली ने बताया कि इसके बाद कुछ लोगों ने जलालाबाद के उप जिलाधिकारी की अदालत में मुकदमा दायर कराया तो कब्जेदार वहां से तथा मंडलायुक्त अदालत से भी मुकदमा जीत गए, मगर 2024 में प्रशासन ने अपना ही आदेश निरस्त करते हुए पुनः इस जमीन को मरघट बना दिया और अतिक्रमण हटाने के लिए कब्जदारों को नोटिस जारी कर दिये।

प्रशासन और शासन मिलकर एक पक्ष के साथ कर रहा ज्यादती : सपा
इस बारे में समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष तनवीर खान का आरोप है कि प्रशासन और शासन मिलकर एक पक्ष के साथ ज्यादती कर रहे हैं, उन्हें उनके घरों से निकाला जा रहा है और उनके घरों को तोड़ा जा रहा है। खान ने मांग की कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जाए और लोगों को इंसाफ मिले। उन्होंने कहा कि संबंध में वह कल जिलाधिकारी से मिले भी थे लेकिन उसके बाद भी आज कब्जा हटाने का काम शुरू कर दिया गया। 


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Content Writer

Ramkesh

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