''इस्लाम में लड़कियों की कोई इज्जत नहीं होती....असुरक्षित महसूस कराया जाता'',  हर्षा रिछारिया की पद यात्रा में मुस्लिम युवती का बयान

punjabkesari.in Monday, Apr 14, 2025 - 05:43 PM (IST)

मथुरा : महाकुंभ से वायरल हुई साध्वी हर्षा रिछारिया ‘सनातनी युवा जोड़ो यात्रा’ निकाल रही हैं। सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए कान्हा की नगरी से संभल तक ये यात्रा निकाली जा रही है। यह पद यात्रा 7 दिनों में वृंदावन, अलीगढ़, बुलंदशहर होते हुए संभल पहुंचेगी। इसका मुख्य उद्देश्य युवाओं को सनातन धर्म से जोड़ना है। हर्षा रिछारिया की इस पद यात्रा का असर शुरुआती दौर में ही दिखने लगा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हर्षा रिछारिया की यात्रा के पोस्टरों को देखकर एक मुस्लिम युवती इसका हिस्सा बनी है। यात्रा में शामिल होने के लिए यह मुस्लिम युवती वृंदावन पहुंच गई। 

इस्लाम में लड़कियों को असुरक्षित महसूस कराया जाता 
बता दें कि इस पद यात्रा में कई मुस्लिम युवतियां बुरखा पहने नजर आईं। उन्होंने बताया कि वे ‘सनातनी युवा जोड़ो यात्रा’ के पोस्टर को पढ़कर इससे जुड़ी हैं। उन्होंने आगे कहा कि मुस्लिम धर्म में लड़कियों को असुरक्षित महसूस कराया जाता है। इस्लाम में उनकी कोई इज्जत नहीं होती।

मुस्लिम धर्म में हैं कई पाबंदियां
मुस्लिम युवती आलिशा ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उसने हिंदू लड़के के साथ सात फेरे लिए हैं। उसने पोस्टर देखकर पदयात्रा में शामिल होने का मन बनाया। उसका कहना है कि हिंदू समाज में यह भेदभाव नहीं है कि क्या पहने क्या नहीं। कोई बंदिश नहीं है। जबकि मुस्लिम धर्म में कई तरह की बंदिशों का सामना करना पड़ता है। 


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Content Editor

Purnima Singh

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