ट्विन टावर गिराने के बाद UP BJP अध्यक्ष ने दी प्रतिक्रिया, कहा- अवैध निर्माण के जरिए संपत्ति बनाने वालों को लेना चाहिए सबक
punjabkesari.in Monday, Aug 29, 2022 - 12:42 PM (IST)

नोएडाः उत्तर प्रदेश में 28 अगस्त को नोएडा स्थित सुपरटेक ट्विन टावर को जमींदोज कर दिए गए हैं। यह गगनचुंबी इमारतें बस एक बटन दबाते ही 9-12 सेकंड के अंदर पलक झपकते ही मिट्टी में मिल गईं। इसके गिर जाने के बाद बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने इस पर अपने विचार पेश किए है। उन्होंने ट्वीट करके यह कहा है कि ‘भ्रष्टाचार की इमारत आज ढह गई'।
Building of corruption has collapsed today. People who have amassed property through illegal construction should learn a lesson that govt will take strict action against all, on the orders of the Supreme Court: Bhupendra Chaudhary , UP BJP Chief, on twin tower demolition pic.twitter.com/1nFdZdWGQE
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) August 28, 2022
बता दें कि सुपरटेक ट्विन टावर पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। पिछले 10 साल से लोग इस अवैध निर्माण के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर रहे थे। जिसके बाद कल रविवार के दिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद रविवार को विस्फोटक से उड़ा दिया गया। इसमें 3700 किलोग्राम विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था। यह अब तक का अनोखा ब्लास्ट था जिसमें आसपास मौजूद इमारतों को किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचा, जैसा प्लान किया गया था ठीक उसी अनुरूप ट्विन टावर महज नौ सेकेंड के अंदर गिरा दिया गया है।
Building of corruption has collapsed as BJP slams Samajwadi Party
— ANI Digital (@ani_digital) August 28, 2022
Read @ANI Story | https://t.co/yW5qQ5wQ9S#Samajwadiparty #BJP #SupertechTwinTowers pic.twitter.com/Qb2bYLq7FA
इस इमारत के गिर जाने के बाद सभी वरिष्ठ नेता इस पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे है। ऐसे में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा, ‘भ्रष्टाचार की इमारत आज ढह गई है। जिन लोगों ने अवैध निर्माण के जरिए संपत्ति बनाई है उन्हें यह सबक लेना चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सरकार सभी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी। दरअसल, जब यह बिल्डिंग बनाई गई थी उस वक्त यूपी में समाजवादी पार्टी की सरकार थी और इसलिए सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी उसपर हमलावर है। इस बिल्डिंग के निर्माण में 26 सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों नाम सामने आए हैं जिनमें कई सेवानिवृत्त हो चुके हैं जबकि दो का निधन हो गया है।