पिता की मौत के बाद अपनों ने किया मदद से इंकार तो रात भर शव को लेकर बैठी रही बेटी, फिर...
punjabkesari.in Tuesday, Jul 27, 2021 - 02:17 PM (IST)
वाराणसीः कोरोना संकट के दौर ने हम सबको बता दिया है कि इम्युनिटी के साथ ही मानवता की भी उतनी ही जरूरत हम सबको है। मगर स्वार्थ की चादर ओढ़े लोगों के लिए क्या कहा जा सकता है। ताजा अमानवीय मामला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से है। जहां घरों में झाड़ू पोछा कर जिंदगी बसर करने वाली बेटी प्रेमलता के पिता की आकस्मिक मौत हो गयी। मौत के बाद पिता के अंतिम संस्कार के लिए बेटी के पास पैसे नहीं थे। लिहाजा रात भर वो बेबसी और दर्द के आंसू लेकर शव के पास रोती रही। मगर उसकी मदद को कोई भी आगे नहीं आया।
बता दें कि मामला पांडेयपुर का है। जहां प्रेम लता के पिता की तबीयत सही नहीं थी मगर उसके पास लाचारी थी कि वो अपने बीमार पिता के लिए दवा भी नहीं ला पा रही थी। दर्द से तड़पते पिता रामकुमार गुप्ता की बेटी के सामने ही मौत हो गयी। इसके बाद अमानवीयता का चेहरा सामने आया कि बेटी ने परिजनों को सूचना दी मगर कोई भी मदद को आगे नहीं आया। मायूस बेटी शव को चादर से लपेट कर रात भर कमरे में बैठी रही और रोती रही। बेटी की आवाज़ सुनकर किसी ने काशी के अमन कबीर को फ़ोन किया। मौके पर पहुंचे अमन ने स्थिति समझी और बेटी के पिता का मणिकर्णिका घाट पर अंतिम संस्कार कराया।
इसके बाद सुबह परेशान बेटी की व्यथा किसी ने काशी के अमन कबीर को बताई तो फ़ौरन अमन पांडेयपुर स्थित घर पहुंचे। तुरंत दाह-संस्कार के लिए फेसबुक के माध्यम से धन जुटाया जिसमें कई लोगों ने आर्थिक मदद की। इसके बाद रामकुमार की अंतिम यात्रा निकाली गयी। इसमें बेटी प्रेम लता ने भी कंधा दिया और मणिकर्णिका घाट पर शव का अंतिम संस्कार किया गया।