आगरा का मशहूर पागलखाना: 1859 में ब्रिटिश राज ने बनाई ये जगह, शुरुआत थी जेल जैसी लेकिन आज बदल चुका है पूरा इतिहास!

punjabkesari.in Saturday, Oct 11, 2025 - 01:26 PM (IST)

Agra News: उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में स्थित मानसिक स्वास्थ्य संस्थान एवं चिकित्सालय का इतिहास बहुत ही रोचक और महत्वपूर्ण है। इस अस्पताल की शुरुआत ब्रिटिशकाल में हुई थी।

ब्रिटिश काल में मानसिक अस्पताल की स्थापना
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, 1857 की क्रांति के दौरान लेफ्टिनेंट गवर्नर जेआर केल्विन मानसिक तनाव में आ गए थे। उस समय क्रांति की वजह से कई अंग्रेज अफसर और सैनिक अपना मानसिक संतुलन खो चुके थे। उनकी यह हालत देखकर अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को चिंता होने लगी। इसी कारण 1859 में इंग्लैंड की महारानी क्वीन विक्टोरिया के आदेश पर आगरा में यह मानसिक अस्पताल खोला गया। उस समय मानसिक रोगियों को जेल की तरह कैदखाने में रखा जाता था। इलाज के नाम पर कोई खास व्यवस्था नहीं थी। जो मरीज ज्यादा मानसिक रूप से परेशान होते, उन्हें जंजीरों में बांध दिया जाता था ताकि वे दूसरों को नुकसान ना पहुंचा सकें।

मानसिक रोगियों को लेकर उस समय का समाज
उस दौर में मानसिक रोग को अभिशाप माना जाता था। लोग मानसिक बीमारियों से ग्रस्त लोगों से डरते थे। 1859 से लेकर 1950 तक इस अस्पताल में मानसिक रोगियों के लिए कोई उचित इलाज नहीं था। उन्हें बस बंदी की तरह रखा जाता था।

बदलाव की शुरुआत
1950 के बाद मानसिक रोगों की दवाइयां मिलने लगीं। इसके साथ ही मानसिक रोग को बीमारी के रूप में मान्यता मिली। इस बदलाव से अस्पताल में मरीजों का इलाज होने लगा और वे ठीक होकर घर लौटने लगे।

वर्तमान में क्या बदलाव हुआ?
आधुनिक समय में इस मानसिक स्वास्थ्य संस्थान का बहुत विकास हुआ है। अब यहाँ मरीजों का इलाज अत्याधुनिक मशीनों, काउंसलिंग और दवाओं के जरिए किया जाता है। मरीजों को ठीक कर उनके परिवार के पास घर भेजा जाता है।

निदेशक प्रो. डॉ. दिनेश राठौर का कहना
मानसिक स्वास्थ्य संस्थान के निदेशक प्रो. डॉ. दिनेश राठौर ने बताया कि अब मानसिक रोग को एक बीमारी के रूप में समझा जाता है और उसका इलाज भी प्रभावी तरीके से हो रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि अस्पताल में लगातार सुधार हो रहा है और आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा रहा है ताकि मरीजों को बेहतर सुविधा मिल सके।


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Content Editor

Anil Kapoor

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