अहमदाबाद  बम धमाका: दोषियों के परिजनों ने कोर्ट के फैसले पर उठाए सवाल, कहा- विधानसभा चुनावों में BJP को फायदा पहुंचाने की साजिश

punjabkesari.in Saturday, Feb 19, 2022 - 09:32 PM (IST)

आजमगढ़: अहमदाबाद बम धमाकों के दोषियों में से दो के परिजनों ने अदालत के फैसले के समय को लेकर सवाल खड़े किये हैं और आशंका जताई है कि यह राजनीति से प्रेरित हो सकता है। अहमदाबाद की एक विशेष अदालत ने जुलाई 2008 में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में 56 लोगों के मारे जाने के सिलसिले में 38 को मृत्युदंड और 11 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

मृत्युदंड पाने वालों में आजमगढ़ जिले के पांच निवासी शामिल हैं। इसी जिले के एक दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। मौत की सजा पाए संजरपुर निवासी मोहम्मद सैफ के पिता शादाब अहमद ने शनिवार को कहा, "निचली अदालत के फैसले से हम संतुष्ट नहीं हैं। अब हम उसके फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे।" उन्होंने आरोप लगाया, "अदालत ने पिछले साल तीन सितंबर को इस मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, लेकिन उसे करीब पांच महीने बाद विधानसभा चुनाव के ठीक बीच में सुनाया जाना, कई सवाल खड़े करता है।"

समाजवादी पार्टी (सपा) के कार्यकर्ता अहमद ने कहा, "ऐसा प्रतीत होता है कि ऐसा भाजपा को विधानसभा चुनाव में फायदा पहुंचाने के लिए किया गया है।'' उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इस फैसले को एक मौके के तौर पर लपकना और यह कहना कि अहमदाबाद बम धमाके में मौत की सजा पाए व्यक्ति का पिता समाजवादी पार्टी के लिए वोट मांग रहा है, ‘‘उनके इरादों की तरफ साफ इशारा देता है।" मौत की सजा पाए संजरपुर निवासी आरिफ के भाई अमीर हमजा ने कहा "पूरा मामला राजनीति से प्रेरित है। हम उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे।" हालांकि सजा पाए बाकी लोगों के परिजन इस मामले पर कुछ भी बोलने से इनकार कर रहे हैं, लेकिन स्थानीय लोग अहमदाबाद बम धमाकों के मामले में निचली अदालत के फैसले के समय पर सवाल उठा रहे हैं।

संजरपुर के निवासी अली अहमद ने कहा, ‘‘अदालत का फैसला ऐसे वक्त पर आया है कि इस पर सवाल खड़े होना लाजमी है और इस निर्णय के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जाना चाहिए।'' मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को यह निर्णय आने के बाद कानपुर में अपनी एक चुनावी सभा में कहा था कि सपा आतंकवादियों को संरक्षण देने वाली पार्टी है और अहमदाबाद बम धमाके के मामले में सजा पाए एक अभियुक्त का पिता इसी पार्टी के लिए वोट मांग रहा है। आतंकवाद के आरोप में बेगुनाह मुसलमानों को पकड़े जाने के खिलाफ आवाज उठाने वाले रिहाई मंच के महासचिव राजीव यादव ने कहा कि आतंकवाद के मामलों में जितने मुसलमानों को सजा सुनाई गई है उससे कहीं ज्यादा को बाइज्जत बरी भी किया जा चुका है, लेकिन यह तथाकथित धर्मनिरपेक्ष राजनीति की नाकामी है कि वह इस सकारात्मक पहलू को सामने नहीं रखती।

विधानसभा चुनाव पर अदालत के इस फैसले के प्रभाव के बारे में यादव ने कहा कि भाजपा ने अपने तयशुदा एजेंडे के तहत आजमगढ़ को एक बार फिर बदनाम करने की कोशिश शुरू कर दी है, मगर वक्त गुजरने के साथ लोगों को एहसास हो गया है कि असलियत क्या है। आतंकवाद के मामले में मुसलमानों की गिरफ्तारी के खिलाफ अभियान चलाने वाले राष्ट्रीय उलमा काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना आमिर रशादी ने आरोप लगाया कि भाजपा एक बार फिर मुसलमानों को आतंकवाद के नाम पर बदनाम कर ध्रुवीकरण के अपने पुराने एजेंडे पर लौट आई है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Mamta Yadav

Recommended News

Related News

static