विधायक सुधाकर सिंह के निधन की खबर मिलते ही अखिलेश यादव पहुंचे अस्पताल, नम आंखों से दी अंतिम विदाई—सपा में छाया भारी शोक!
punjabkesari.in Thursday, Nov 20, 2025 - 12:25 PM (IST)
Mau News: समाजवादी पार्टी के घोसी विधायक सुधाकर सिंह अब हमारे बीच नहीं रहे। गुरुवार, 20 नवंबर को लखनऊ के अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें भर्ती कराया गया था, लेकिन डॉक्टर उनकी जान नहीं बचा सके।
घोसी विधानसभा से समाजवादी पार्टी के विधायक श्री सुधाकर सिंह जी का निधन, अत्यंत दुःखद !
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 20, 2025
ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें।
शोक संतप्त परिजनों को यह असीम दुःख सहने का संबल प्राप्त हो।
भावभीनी श्रद्धांजलि ! pic.twitter.com/9N0njyJwlA
अखिलेश यादव पहुंचे अस्पताल, दी श्रद्धांजलि
सुधाकर सिंह के निधन की खबर मिलते ही सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव सीधे अस्पताल पहुंचे। वहां उन्होंने दिवंगत विधायक के परिजनों को सांत्वना दी। नम आंखों से श्रद्धांजलि देते हुए अखिलेश ने X पर लिखा—घोसी विधानसभा से समाजवादी पार्टी के विधायक श्री सुधाकर सिंह जी का निधन, अत्यंत दुःखद ! ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें। शोक संतप्त परिजनों को यह असीम दुःख सहने का संबल प्राप्त हो। भावभीनी श्रद्धांजलि !
2023 में बने 'जाइंट किलर'
सुधाकर सिंह का राजनीतिक सफर लंबा रहा है, लेकिन 2023 का घोसी उपचुनाव उनके करियर की सबसे बड़ी जीत थी। उन्होंने भाजपा उम्मीदवार दारा सिंह चौहान को 40 हजार से ज्यादा वोटों से हराकर सबको चौंका दिया था। सुधाकर सिंह: 1,24,427 वोट, दारा सिंह चौहान: 81,668 वोट। यह जीत इतनी बड़ी थी कि उन्हें 'जाइंट किलर' कहा गया।
कैसे मिली थी यह ऐतिहासिक जीत?
सियासी जानकारों के मुताबिक भाजपा के जातीय समीकरण फेल हो गए। सपा का PDA (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) फॉर्मूला पूरी तरह सफल रहा। ठाकुर उम्मीदवार होने के बावजूद सपा को भारी समर्थन मिला। भाजपा 2022 के चुनाव में मिले वोटों तक नहीं पहुंच पाई।
कौन थे सुधाकर सिंह?
जन्म: 11 नवंबर 1958, घोसी (मऊ)
धर्म: हिंदू
जाति: राजपूत
पिता: कुलदीप सिंह
शिक्षा: स्नातकोत्तर (पोस्ट ग्रेजुएशन)
पत्नी: चिंता देवी (विवाह 12 मई 1979)
परिवार: दो बेटे, एक बेटी
सुधाकर सिंह का राजनीतिक करियर
उनका राजनीतिक सफर तीन अलग-अलग विधानसभाओं तक फैला रहा। पहली बार: 1996 — 13वीं विधानसभा। दूसरी बार: 2012–2017 — 16वीं विधानसभा। इस दौरान वह प्राक्कलन समिति के सदस्य भी रहे। तीसरी बार: 2023 — 18वीं विधानसभा (घोसी उपचुनाव में बड़ी जीत)। वे लोकतंत्र सेनानी भी थे और आजमगढ़ जिला कारागार में बंद रह चुके थे। इसके बदले उन्हें 20,000 रुपये की राजनैतिक पेंशन भी मिलती थी।
सपा को बड़ा झटका
सुधाकर सिंह के निधन को समाजवादी पार्टी ने एक बड़ा नुकसान बताया है। उनकी लोकप्रियता, जमीन से जुड़ाव और सियासी प्रभाव ने उन्हें घोसी क्षेत्र में मजबूत नेता बनाया था। उनका अचानक जाना ना सिर्फ परिवार, बल्कि पूरे प्रदेश की राजनीति के लिए बड़ा दुख है।

