अखिलेश का आरोप- चीनी मिल मालिकों के दवाब में गन्ना किसानों को धोखा दे रही है भाजपा सरकार
punjabkesari.in Thursday, Dec 15, 2022 - 03:56 AM (IST)

लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि चीनी मिल मालिकों के दवाब में उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार गन्ना किसानों को धोखा दे रही है।
14 दिन के बाद किसानों के गन्ना मूल्य पर ब्याज देने का किया था। वादा
यादव ने बुधवार को कहा कि भाजपा सरकार की नीतियां किसान विरोधी और कुछ पूंजीपतियों और बड़े उद्योग घरानों के समर्थन में है। गरीब-गांव की भाजपा राज में हर तरह से उपेक्षा की जा रही है। नए सत्र में गन्ने की पेराई शुरू हो गई है लेकिन अभी तक भाजपा सरकार ने गन्ने का मूल्य तय नहीं किया है। गन्ना किसानों को अभी पिछले सत्र का भी बकाया भुगतान नहीं हुआ है। कायदे से तो किसान को गन्ना मूल्य के बकाया पर ब्याज भी मिलना चाहिए पर भाजपा सरकार मूलधन ही नहीं दे पा रही है जबकि भाजपा सरकार ने 14 दिन के बाद किसानों के गन्ना मूल्य पर ब्याज देने का वादा किया था। मिल मालिकों के दबाव में भाजपा सरकार किसानों से धोखा दे रही है।
प्रदेश में खाद का संकट कम नहीं हो रहा
उन्होंने कहा कि किसानों से धान की खरीद में भी सरकारी अफसरशाही खेल कर रही है। किसान लुट रहा है और बिचौलिए कमाई कर रहे हैं। किसान को फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) भी नहीं मिल रहा है। केन्द्र की भाजपा सरकार ने एमएसपी पर अपनी नीति अब तक स्पष्ट नहीं की है जबकि भाजपा सरकार ने किसानों के पिछले बड़े आंदोलन के दौरान एमएसपी देने का आश्वासन दिया था। सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार ने गेंहू और रबी की फसल की बुवाई के लिए डीएपी-यूरिया खाद के अलावा और अन्य कीट नाशक रसायनों की व्यवस्था करने में घोर लापरवाही बरत रही है। किसान आज मारा-मारा फिर रहा है। प्रदेश में खाद का संकट कम नहीं हो रहा है। किसानों को समय से खाद उपलब्ध न होने की वजह से बुवाई में देरी हो रही है।
अखिलेश ने कहा कि सपा सरकार में खाद का समुचित इंतजाम था। बुवाई के मौसम से पूर्व ही खाद, कीटनाशक आदि की बेहतर व्यवस्था थी। भाजपा सरकार किसान विरोधी सरकार है। भाजपा सरकार ने किसान की आय दोगुनी करने का वादा करने के बाद भी अपना वादा नहीं निभाया। किसान को भाजपा सरकार बनने के दिन से ही धोखे पर धोखा मिल रहा है। उसकी कर्ज माफी नहीं हुई। एमएसपी नहीं मिली। सरकारी खरीद केन्द्रों में किसान का नहीं बिचौलियों और बड़ी कम्पनियों के कारिंदो का माल बिक रहा है। किसान की फसल तो औने-पौने दाम पर खरीद ली जा रही है।